महाराष्ट्र में एक बार फिर किसानों ने अपनी मांगों को लेकर हुंकार भर दी है. यहां बड़ी संख्या में किसान सड़क पर उतर आए हैं. महाराष्ट्र के हजारों किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करते हुए मुंबई के नजदीक ठाणे पहुंच गए हैं. यहां किसान ठाणे से मुंबई के लिए कूच करेंगें. किसान कृषि कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों और वन अधिकार अधिनियम को लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा किसानों की मांग है कि कृषि श्रमिकों की पेंशन योजना में बढ़ोतरी की जाए और कीट हमलों से हुए नुकसान का उन्हें मुआवजा मिले.
इस मामले पर किसान नेताओं कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने 6 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक अपना कोई वादा पूरा नहीं किया है.
बता दें कि कुछ महीने पहले पूर्ण कर्ज माफी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने के लिए 30,000 से अधिक किसान नासिक से पैदल मार्च करते हुए मुंबई पहुंचे थे. जिसके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर उनकी अधिकतर मांगों को मान लिया था.
फडणवीस ने कहा था, 'हमने उनकी अधिकतर मांगों को मान लिया है और लिखित रूप में पत्र भी दिया गया है.'
इससे पहले फडणवीस ने कहा था, 'वे किसानों की मांग को पूरा करने के लिए सकारात्मक हैं और हमारी सरकार मार्च शुरू होने के दिन से किसानों के अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है.' हालांकि सीएम के आश्वासन देने के इतने महिने बाद भी किसानों की मांगों को लेकर को सुनवाई नहीं हुई.
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खबरों के मुताबिक किसानों के इस आंदोलन में कई सामाजिक कार्यकर्ता और किसान आंदोलनों से जुड़े लोग शामिल हैं. संगठन की ओर से कहा गया है कि अगर महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता है तो आंदोलन की समय सीमा को और आगे बढ़ाया जा सकता है. महाराष्ट्र का बड़ा हिस्सा हर साल सूखे की चपेट में आता है साथ ही किसानों की आत्महत्या सरकार के लिए गंभीर चुनौती का विषय है.
Source : News Nation Bureau