महाराष्ट्र की सियासी उठा-पटक के अब और तेज हो जाने के आसार हैं. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कोरोना संक्रमण से ठीक होकर वापस राज भवन लौट आए हैं. ऐसे में शिवसेना से बागी हुई शिंदे सेना को और बल मिलेगा. अब डिप्टी स्पीकर की ओर से 16 बागी विधायकों को नोटिस दिए जाने और 27 जून की शाम तक जवाब दाखिल करने के निर्देश को अदालत के साथ-साथ राज्यपाल की चौखट पर रखा जा सकेगा. सूत्रों की मानें तो राज्यपाल कोश्यारी के अस्पताल में भर्ती होने की वजह से ही शिंदे सेना ने गुवाहटी में अपने प्रवास को बढ़ाया है. इसके साथ ही शिंदे गुट अब डिप्टी स्पीकर नरहरी झिरवाल के नोटिस को हाई कोर्ट में चुनौती देगा, तो दो-तिहाई बहुमत होने के दावे को राज्यपाल के समक्ष पेश किया जा सकेगा.
चार दिनों से कोश्यारी थे अस्पताल में
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी रविवार को यहां कोरोना को मात देने के बाद राजभवन लौट आए. वह बीते चार दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. 80 वर्षीय कोश्यारी को दक्षिण मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, जहां उन्हें 22 जुलाई को भर्ती कराया गया था. राजभवन के कर्मचारियों ने उनका स्वागत किया. राज्यपाल ने कहा कि, वह अब बिल्कुल ठीक महसूस कर रहे हैं. कोश्यारी ने ट्वीट किया, 'चार दिनों के बाद मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई. मैं अब बिल्कुल ठीक हूं. हालांकि, मुझे कुछ दिन और आराम करने की सलाह दी गई है. मैं अपने सभी शुभचिंतकों को धन्यवाद देना चाहता हूं.'
शिंदे गुट को मिलेगा अब बड़ा सहारा
जाहिर है राज्यपाल के राजभवन लौटने से शिवसेना की रार को अब और धार मिलेगी. सूत्रों की मानें तो दरअसल एकनाथ शिंदे ये बखूबी जानते हैं कि राज्यपाल की अनुपस्थिति में राज्य में कोई भी राजनीतिक कार्यवाही संभव नहीं है. राज्यपाल बीते चार दिनों से अस्पताल में थे. उन्हें आज ही अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है. संभव है कि वह एक से दो दिनों में फिर से सक्रिय हों. ऐसे में एकनाथ शिंदे ने बीजेपी शासित असम के गुवाहाटी में ही अपने विधायकों को रखना सुरक्षित समझा. इस दरम्यान उपसभापति नरहरी झिरवाल ने शिवसेना के 16 विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी करके उनके जवाब मांगा है. सभी विधायकों को 27 जून तक इस नोटिस का जवाब देना है. ठाकरे गुट ने इन विधायकों के निलंबन की मांग की थी.
HIGHLIGHTS
- कोरोना संक्रमण से ठीक होकर राजभवन लौटे भगत सिंह कोश्यारी
- अब महाराष्ट्र की सियासी उठा-पटक में और तेज होंगे दांव-पेंच
- शिवसेना का बागी शिंदे गुट भी कर रहा था इसी पल का इंतजार