सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्यपाल बी. एस. कोश्यारी द्वारा महाराष्ट्र में भाजपा-अजित पवार को सरकार बनाने के लिए दिए गए आमंत्रण मामले पर अपना आदेश मंगलवार के लिए सुरक्षित कर लिया. इस तरह भाजपा-अजित पवार को कम से कम एक दिन की राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र पर मंगलवार सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा. वहीं, मुंबई के होटल हयात में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने 162 विधायकों की परेड कराई और उन्हें एकजुटता की शपथ दिलाई है.
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सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से सॉलिसिटर तुषार मेहता पेश हुए. उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह "भाजपा को राकांपा विधायकों द्वारा दिया गया समर्थन का पत्र लेकर आए हैं, जिसके आधार पर राज्यपाल ने फैसला किया." मेहता ने कहा, "पत्र में साफ नजर आ रहा है कि अजित पवार ने राकांपा के 54 विधायकों के समर्थन वाला पत्र हस्ताक्षर के साथ राज्यपाल को सौंपा था."
उन्होंने आगे कहा, "अजीत पवार द्वारा 22 नवंबर को दिए गए पत्र के बाद ही देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके साथ ही पत्र में 11 स्वतंत्र और अन्य विधायकों का समर्थन पत्र भी संलग्न था." 288 सदस्यीय सदन में भाजपा के 105 विधायक हैं, वहीं राकांपा ने 54 सीटों पर जीत हासिल की थी. भाजपा ने दावा किया कि अन्य 11 स्वतंत्र विधायकों के समर्थन के बाद उनके पास 170 विधायकों की संख्या है. इसके साथ ही मेहता ने महाराष्ट्र के राज्यपाल बीएस कोश्यारी के फैसले की न्यायिक समीक्षा पर भी आपत्ति जताई.
मेहता ने आगे कहा, "इसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति को सूचना दी। जानकारी का हवाला देते हुए उन्होंने राष्ट्रपति से राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाने का अनुरोध किया था." भाजपा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल ने उस पार्टी का पक्ष लिया, जिसके पास 170 विधायकों का समर्थन है. रोहतगी ने कहा कि अन्य दलों ने ऐसा कभी नहीं कहा कि समर्थन पत्र पर विधायकों के हस्ताक्षर फर्जी हैं.
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वहीं कांग्रेस की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि उनके पास 150 विधायकों के समर्थन वाला हलफनामा है. उन्होंने कोर्ट को सूचित किया कि भाजपा की शिवसेना के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया है, क्योंकि भाजपा, शिवसेना को किए अपने वादे से मुकर गई. वहीं कांग्रेस और राकांपा की ओर से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि जो कुछ भी हुआ है, वह 'लोकतंत्र के साथ धोखाधड़ी' है. सिंघवी ने कहा, "राज्यपाल विधायकों के हस्ताक्षर पर बिना कवरिंग लेटर के भरोसा कैसे कर सकते हैं?."
वहीं, मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों की परेड हुई. यहां पर तीनों दलों के दिग्गज नेता शरद पवार, उद्धव ठाकरे और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण मौजूद रहे. यहां पर तीन दलों के विधायकों को एनसीपी नेता जितेंद्र अवहद ने शपथ दिलाई. तीनों पार्टियों के विधायकों ने सोनिया गांधी, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के नाम पर शपथ ली और कहा कि वे किसी इस शपथ के प्रति निष्ठावान रहेंगे. किसी लालच में नहीं पड़ेंगे और गठबंधन के प्रति इमानदार बने रहेंगे. इन विधायकों ने संकल्प लिया कि वे बीजेपी को समर्थन नहीं करेंगे. न ही अपनी पार्टी के खिलाफ काम करेंगे और पार्टी आलाकमान का आदेश मानेंगे.
शक्ति प्रदर्शन के दौरान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि ये नजारा सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं बल्कि सारे दुनिया को दिखाना था. हमारा वाक्य है सत्यमेव जयते हो सत्ता मेव जयते नहीं होना चाहिए. शिवसेना क्या चीज है ये आपने 25 साल देखा है. एक आए सभी दल 5 साल के लिए नहीं बल्कि 25 साल से ज्यादा के लिए हैं. ये ताकद और शक्ति ऐसी ही बनाकर रखेंगे.
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हयात होटल में शक्ति प्रदर्शन के दौरान तीनों ही पार्टियों के नेताओं और विधायकों को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, वो किसी प्रकार का फैसला नहीं ले सकते हैं. अब तीनों पार्टियां शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर आगे का कोई फैसला लेगी. उन्होंने आगे कहा कि व्हिप न मानने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
उन्होंने आगे कहा कि ये गोवा या मणिपुर नहीं है. ये महाराष्ट्र है. उन्होंने अजित पवार पर सबको गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने आगे कहा कि हम महाराष्ट्र की जनता के लिए यहां जुटे हैं. ये गठबंधन सिर्फ कुछ समय के लिए नहीं, बल्कि लंबे समय तक के लिए है. उन्होंने बीजेपी को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो लोग केंद्र में हैं उन्होंने एक और राज्य में यह काम किया था. यह उनका इतिहास है. उन्होंने गलत तरीके से यह सरकार बनाई है.