आखिरकार एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार से विधायकों की समर्थन वापसी का ऐलान कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में अपने विधायकों को मिले नोटिस के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने अपना पक्ष रखा और कहा कि उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में है. उस सरकार में शामिल एक पार्टी के दो तिहाई से अधिक सदस्यों ने उससे समर्थन वापस ले लिया है. ऐसे में उस सरकार के साथ काम कर रही मशीनरी अब किसी भी तरह की कार्रवाई के लिए वैध नहीं है. बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट ने विधायकों को नोटिस और विधायक दल के नेता के पद से हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसी पर सुनवाई हो रही है.
अल्पमत में उद्धव सरकार- शिंदे गुट
शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में दावा किया है कि उनके पास 38 विधायकों का समर्थन है. शिंदे गुट ने कहा है कि शिवसेना के विधायक दल के 38 सदस्यों ने महा विकास अघाड़ी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. ऐसे में एमवीए सरकार ने बहुमत खो दिया है. एकनाथ शिंदे के वकील ने लिखित में ये बात जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच के सामने रखी है.
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दोनों तरफ से वकीलों की फौज उतरी
सुप्रीम कोर्ट में सभी पक्षों ने अपनी तरफ से मजबूत तैयारी की है. एकनाथ शिंदे ने मशहूर वकील हरीश साल्वे को मैदान में उतारा है, तो उनके साथ भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल और मशहूर वकील मुकुल रोहतगी को भी जोड़ा गया है. मनिंदर सिंह और महेश जेठमलानी भी शिंदे गुट की तरफ से जिरह करेंगे. वहीं, उद्धव ठाकरे ने अपने केस की जिम्मेदारी दिग्गज अभिषेक मनु सिंघवी को सौंपी है. कपिल सिब्बल भी उद्धव ठाकरे की ओर से कोर्ट में उनका पक्ष रखेंगे. राजीव धवन और देवदत्त कामत भी दलील पेश करेंगे. इसके अलावा महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने भी अपना पक्ष रखने के लिए जाने माने वकील रवि शंकर जांध्याल को जिम्मेदारी सौंपी है.
HIGHLIGHTS
- महाराष्ट्र सरकार ने खोया बहुमत
- 38 विधायकों ने वापस लिया समर्थन
- सभी पक्षों ने उतारी वकीलों की फौज