जानिए अजित पवार ने कब-कब दिखाए बागी तेवर, NCP को पहले भी दे चुके हैं झटका

अजित पवार के बागी तेवर एक बार फिर से सामने आ गए हैं. जिससे न सिर्फ एनसीपी में हड़कंप मच गया है बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल होने लगी है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब अजित पवार ने अपनी ही पार्टी को झटका दिया हो. इससे पहले भी अजित पवार अपने च

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Suhel Khan
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Ajit Pawar ( Photo Credit : Social Media)

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अजित पवार के बागी तेवर एक बार फिर से सामने आ गए हैं. जिससे न सिर्फ एनसीपी में हड़कंप मच गया है बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी हलचल होने लगी है. ये कोई पहला मौका नहीं है जब अजित पवार ने अपनी ही पार्टी को झटका दिया हो. इससे पहले भी अजित पवार अपने चाचा शरद पवार और एनसीपी को झटका दे चुके हैं. लेकिन रविवार को अचानक उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मचा दिया. पहले भी कई मौकों पर अजित पवार के बागी तेवर देखने को मिले हैं. साल 2019 में अजित पवार के बागी तेवर तब देखने को मिले थे जब उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी और खुद उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.

विधानसभा चुनाव के बाद की थी अजित पवार ने बगावत

दरअसल, 2019 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वक्त भी अजित पवार के बागी तेवर देखने को मिले थे. इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना को पूर्ण बहुमत मिला था लेकिन बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने के बावजूद भी बहुमत से काफी दूर थी. शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन था और बहुतमत भी उनके पास था लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई में शिवसेना बीजेपी से अलग हो गई. उसके बाद उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिला लिया. ठीक उसी वक्त एक अलग रणनीति बनी और अजित पवार बीजेपी के साथ चले गए.

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चाचा शरद पवार से अलग जाकर BJP से हाथ मिलाया था

तब अजित पवार ने सब को चौंका दिया था. क्योंकि उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया और तड़के ही उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली. इस बात की भनक किसी को नहीं लगी. जब वह उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद बाहर आए तब ये पूरी कहानी सबके सामने आई. अजीत पवार के साथ गठबंधन के साथ बनी इस सरकार में देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनाए गए. तब अजित पवार ने एनसीपी के कुछ विधायकों का समर्थन का दावा किया और बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी. लेकिन गठबंधन की ये सरकार केवल 72 घंटे से ज्यादा नहीं टिक पाई. बहुमत का जादुई आंकड़ा ना होने की वजह से सरकार गिर गई थी. जिसमें अहम किरदार एनसीपी प्रमुख शरद पवार का था. शरद पवार ने अजित का साथ नहीं दिया जिससे सरकार गिर गई. उसके बाद एनसीपी ने कांग्रेस और उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाया और सरकार बना ली. ऐसा माना जाता है कि तभी से अजित पवार के प्रति शरद पवार का मन खट्टा हो गया.

अब क्यों बागी हुए अजित पवार

दरअसल, पिछले महीने की 10 तारीख को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी में उलटफेर किया. शरद पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी की कमान सौंप लेकिन अजित पवार को राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी नहीं दी.  इसके बाद से ही अजित पवार एक बार फिर से बागी तेवर में आ गए. तभी से माना जाने लगा था कि अजित पवार बीजेपी के साथ जा सकते हैं.

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