महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है. जिसके बाद एनसीपी (NCP) और कांग्रेस ने बैठक की. बैठक के बाद एनसीपी और कांग्रेस ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शिवसेना ने पहली बार 11 नवंबर को अधिकृत रूप से कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा था. फैसले से पहले सभी पहलुओं पर चर्चा होगी. आम सहमति बनने के बाद आगे की नीति तय की जाएगी.
NCP leader Praful Patel: A meeting was held between senior leaders of NCP and Congress today. On 11th November Shiv Sena first contacted us formally. We will discuss on all the issues and then take a decision. #Mumbai pic.twitter.com/65aprntKXD
— ANI (@ANI) November 12, 2019
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि हमें सरकार बनाने के लिए कोई जल्दबाजी नहीं है. शिवसेना को समर्थन देने के लिए कांग्रेस के साथ बातचीत करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हम दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं.
एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा, 'सरकार कैसे बनाना है? सरकार की नीति क्या होगी? जब तक कांग्रेस-एनसीपी के बीच यह तय नहीं होगा, आगे बढ़ने का कोई मतलब नहीं.'
NCP Chief Sharad Pawar: We are in no hurry. We will hold discussions with Congress and then take a decision (to support Shiv Sena). #MaharashtraGovtFormation pic.twitter.com/MYYYgEpKv0
— ANI (@ANI) November 12, 2019
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वहीं, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की निंदा की. अहमद पटेल ने कहा, जिस तरह से राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, उसकी मैं आलोचना करता हूं. यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश है.'
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया. लेकिन कांग्रेस को नहीं बुलाया. कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता ना देना राज्यपाल की गलती है. एनसीपी से बात किए बिना हम कोई निर्णय नहीं लेना चाहते थे.
Ahmed Patel, Congress: Bharatiya Janata Party, Shiv Sena, Nationalist Congress Party got invitation from the Governor to prove majority. But Congress did not get an invitation . We condemn it.
— ANI (@ANI) November 12, 2019
कांग्रेस नेता पटेल ने आगे कहा कि कांग्रेस और एनसीपी में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कोई मतभेद नहीं है लेकिन शिवसेना ने हमारे साथ चुनाव नहीं लड़ा था, इसलिए उनके साथ बातें तय होना बाकी है. एनसीपी से बात करने के बाद ही हम शिवसेना से बात करेंगे. पहले एनसीपी और कांग्रेस में बात फाइनल होगी.
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बता दें कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्यपाल में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी. राज्यपाल की सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकृति दे दी है.