जहां एक ओर मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रही है वहीं महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार साल 2018 में सिर्फ तीन महीनें में 639 किसानों ने खुदकुशी की है।
राज्य सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च 2018 से लेकर मई 2018 के बीच 639 किसानों ने फसल खराब होने के चलते और बैंकों का कर्ज न चुका पाने के कारण खुदकुशी कर ली है।
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने शुक्रवार को नागपुर में विधान परिषद के अंदर विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे और एनसीपी के सदस्यों हेमंत ताले, सुनील तटकरे, अमरसिंह पंडित, किरण पावस्कर, नरेंद्र पाटिल और अन्य के एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी थी।
पाटिल ने कहा,' 1 मार्च 2018 से लेकर 31 मई 2018 के बीच 639 किसानों ने फसल खराब होने और कर्ज न चुका पाने के कारण आत्महत्या कर ली है। इनमें से करीब 188 किसान ऐसे थे जो विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत खराब फसल का मुआवजा और अपना कर्ज चुका सकते थे।'
उन्होंने कहा कि 188 में से 174 किसान परिवारों को मुआवजा दिया जा चुका है, हालांकि 122 केस ऐसे हैं जो मुआवजे के हकदार नहीं थे। फिलहाल मुआवजे के लिए बचे हुए 329 केसों की जांच जारी है।
और पढ़ें: राज्यसभा पहुंचे RSS विचारक राकेश सिन्हा, राष्ट्रपति ने चार नामों पर लगाई मुहर
गौरतलब है कि एक आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से अब तक 1307 किसान खुदकुशी कर चुके हैं।
इसका मतलब है कि पिछले छह महीने में हर रोज औसतन 7 किसानों ने खुदकुशी की है। ऐसा तब है जबकि पिछले वर्ष महाराष्ट्र सरकार ने किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की थी।
आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक मराठवाड़ा क्षेत्र में इस वर्ष 477 किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आए हैं जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 454 था।
वहीं विदर्भ क्षेत्र में जहां से खुद सीएम देवेंद्र फडणवीस आते हैं, इस वर्ष भी सबसे अधिक किसानों की खुदकुशी के मामले सामने आए हैं। यहां अब तक 598 किसानों ने खुदकुशी की है। हालांकि यह आंकड़ा पिछले वर्ष के मुकाबले 58 कम है।
और पढ़ेंः 'हिंदू पाकिस्तान' पर मुश्किल में थरूर, कोलकाता के कोर्ट ने भेजा नोटिस
Source : News Nation Bureau