मौत के इतने लंबे समय बाद भी सुशांत सिंह राजपूत और उनकी मैनेजर दिशा सालियान की मौत का मामला राजनीतिक गलियारे में आज भी गूंज रहा है. बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके बेटे और भाजपा विधायक नितेश राणे के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. महाराष्ट्र महिला आयोग की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मालवणी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने को कहा गया है. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने आरोपों को दोहराया था कि सालियान की सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या की गई थी.
ऑटोप्सी रिपोर्ट के आधार पर दर्ज कराया केस
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के आरोपों को खारिज करते हुए महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा कि दिशा की ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक उसके साथ बलात्कार नहीं किया गया था और वह गर्भवती भी नहीं थी. इसके साथ ही चाकणकर ने बताया कि दिशा सालियान के माता-पिता को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, उनके बेटे और भाजपा विधायक नितेश राणे के खिलाफ दिशा की मौत के बारे में झूठी और मानहानिकारक जानकारी देने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए. गौरतलब है कि दिशा की मां ने आयोग को पत्र लिखकर मांग की थी कि उनकी बेटी की मौत के बाद उसकी बेटी को राजनीतिक नेताओं द्वारा बदनाम नहीं किया जाए.
परिवार ने आत्महत्या की ये बताई थी वजह
गौरतलब है कि दिशा सालियान की आत्महत्या को लेकर उनके माता-पिता का कहना था कि वह काम के दबाव के कारण तनाव में थी. उन्होंने कहा था कि उस समय हम उसके तनाव को नहीं समझ पाए और वह उसी तनाव में परेशान होकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा था कि उसकी पुलिस के पास मौजूद रिपोर्ट के मुताबिक उसने आत्महत्या की थी. गौरतलब है कि इस वक्त देश में बदले की राजनीति चरम पर है. महाराष्ट्र के शिवसेना और एनसीपी नेताओं के खिलाफ जहां केंद्रीय जांच एजेंसियों एनसीसी, ईडी और इनकम टैक्स के छापे पड़ रहे हैं. वहीं, अब महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके पुत्र के खिलाफ केस दर्ज कर नए टकराव को जन्म दे दिया है.
HIGHLIGHTS
- केंद्रीय एजेंसियों के छापे से गर्माई सियासत
- उद्धव ने भी भाजपा नेताओं पर कसा शिकंजा
- नारायण राणे और उनके पुत्र पर एफआईआर