देश में स्वच्छ भारत अभियान नारों की गूंज एक बार फिर चारों ओर से सुनी जा रही है। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की 149वीं जयंती को लेकर देश भर में स्वच्छता को लेकर भी कई सारे कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए स्वच्छता अभियान में एक खास बात यह है कि इसके प्रतीक के रूप में महात्मा गांधी की तस्वीर और चश्मे का इस्तेमाल होता है। इसका सीधा कारण है कि गांधी स्वच्छता को सर्वोपरि मानते थे। गांधी ने अपने जीवन में स्वच्छता के महत्व को तवज्जो दी थी।
भारत में स्वच्छता अभियान का लक्ष्य 2019 में महात्मा गांधी के 150वीं जयंती तक देश को पूरी तरीके से स्वच्छ बनाना है। गांधी ने अपने जीवन में स्वच्छता के विचार को हमेशा फैलाया।
स्वच्छता को लेकर जानिए महात्मा गांधी के विचार
1. महात्मा गांधी ने कहा था कि राजनीतिक स्वतंत्रता से ज्यादा जरूरी स्वच्छता है।
2. यदि कोई व्यक्ति स्वच्छ नहीं है तो वह स्वस्थ नहीं रह सकता है।
3. बेहतर साफ-सफाई से ही भारत के गांवों को आदर्श बनाया जा सकता है।
4. शौचालय को अपने ड्रॉइंग रूम की तरह साफ रखना जरूरी है।
5. नदियों को साफ रखकर हम अपनी सभ्यता को जिंदा रख सकते हैं।
6. अपने अंदर की स्वच्छता पहली चीज है जिसे पढ़ाया जाना चाहिए। बांकी बातें इसके बाद होनी चाहिए।
7. हर किसी एक को अपना कूड़ा खुद साफ करना चाहिए।
8. मैं किसी को गंदे पैर के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।
9. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार और साफ कर देता है।
मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म दो अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर जिले में पुतलीबाई और करमचंद गांधी के घर हुआ था। उनके जन्मदिन यानी 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
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Source : News Nation Bureau