राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने अपने अहिंसा के बल पर अंग्रेजी हुकूमत को भारत से निकालकर बाहर फेंक दिया. महात्मा गांधी का आज यानी 30 जनवरी 2020 को सबसे 72वीं पुण्यतिथि है. 30 जनवरी 2020 को दिल्ली के बिड़ला हाउस में शाम के करीब 5 बजे महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. महात्मा गांधी रोज की तरह बिड़ला हाउस के प्रार्थना स्थल पहुंचे. वो वहां खड़े सभी लोगों का हाथ जोड़कर अभिवादन कर रहे थे. वहीं भीड़ में खड़े नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी के सामने आया. इसके बाद नाथूराम ने रिवॉल्वर निकाली और बापू पर तान दी और एक के बाद एक गांधी जी पर तीन गोलियां चला दीं. महात्मा गांधी के मुंह से निकला हे राम..और वे जमीन पर गिर पड़े. गांधीजी को अंदर ले जाया गया, लेकिन थोड़ी ही देर में डॉक्टरों ने गांधीजी को मृत घोषित कर दिया.
आइये जानते हैं कि सादा जीवन और उच्च विचार रखने वाले महात्मा गांधी से कौन सी पांच बड़ी बातें सीखी जा सकती हैं या अपने जीवन में महात्मा गांधी ने किन बातों पर खास जोर दिया है.
अहिंसा का मार्ग अपनाना- महात्मा गांधी ने अहिंसा का मार्ग अपना कर ही अंग्रेजों से भारत को आजादी दिलाई थी. महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ बिना किसी अस्त्र-शस्त्र का इस्तेमाल किए अंग्रेजों को धूल चटा दी थी. उनके असहयोग आंदोलन, सत्याग्रह व अन्य आंदोलनों ने अंग्रेजी हुकूमत को परेशान कर दिया था.
महात्मा गांधी ने कभी नहीं.
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सादा जीवन उच्च विचार- महात्मा गांधी भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अगुवा थें. लेकिन कभी उन्होंने इस बात का गुरूर नहीं किया. वो सादा जीवन और उच्च विचार रख जीवन के आदर्शों पर चलने वाले व्यक्ति थे जिसके कारण उन्होंने अपने आस पास बहुत कम चीजों को जुटाकर रखा था. साथ ही वो ऐसा भी कभी नहीं करते हैं कि किसी से ना मिलें. अगर आप इतिहास उठाकर देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि महात्मा गांधी के पास अगर समय होता था तो वो सबसे मिल लेते थे.
सभी धर्मों पर थी गांधी जी की आस्था- महात्मा गांधी सभी धर्मों में आस्था रखते थे उनका कहना था कि कोई भी धर्म ऊंचा या नीचा नहीं होता. महात्मा गांधी से ये जरूर सीखा जा सकता है कि आप अपने धर्म का पालन जरूर करें लेकिन आदर सभी धर्म का करना चाहिए.
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पढ़ाई का विशेष महत्व- महात्मा गांधी एक बैरिस्टर थे. वे चाहते तो साउथ अफ्रीका में अपना जीवन अच्छा बिता सकते थे लेकिन उन्हें अपनी देश की मिट्टी से प्यार था और इसीलिए वो भारत लौटकर आए. इससे ये सीखा जा सकता है कि चाहे आप कहीं भी जाएं लेकिन आपको अपने जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए.
स्वदेशी को बढ़ावा देना- महात्मा गांधी ने भारत को ये सबसे बड़ी शिक्षा दी थी कि आपको अपने देश के लोगों के द्वारा तैयार किया गया सामान लेकर उन्हें सशक्त करना चाहिए ना कि बाहरी कंपनियों का उत्पाद खरीद कर उन्हें सशक्त बनाना.
Source : News Nation Bureau