नगरोटा हमले में न्यूज नेशन ने अब तक का सबसे बड़ा खुलासा किया है. नगरोटा मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों को जो सबूत मिले हैं वह पुख्ता तौर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को एक बार फिर से कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. न्यूज नेशन ने खुलासा किया है कि इस आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान के आतंकी संगठन का हाथ था और नगरोटा में मारे गए इन आतंकियों को अजमल कसाब जैसी ट्रेनिंग भी दी गई थी. भारत में हमला करने के लिए सीमा पार पाकिस्तान से आए थे नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए आतंकी. भारतीय जवानों ने नगरोटा में आतंकियों की इस साजिश का न सिर्फ भंडाफोड़ किया बल्कि उन्हें 36 हूरों के पास भी भेज दिया.
मारे गए आतंकियों के पास से मिले सामान से इस बात का पुख्ता प्रमाण मिला है कि वो पाकिस्तान से थे और उन्हें अजमल कसाब जैसी ट्रेनिंग दी गई थी. नगरोटा एनकाउंटर में मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे. इनमें कुछ हथियार चाइनीज भी थे. वहीं इनके पास से आपातकालीन दवाएं भी मिली थी. खुफिया सूत्रों के मुताबिक आतंकी 26/11 की बरसी पर वैसे ही आतंकी हमले की तैयारी में थे. सूत्रों का कहना है कि ड्राइवर के भागने के बाद उसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है. दूसरी तरफ खुफिया एजेंसियों को आतंकियों के जैश ए मुहम्मद से जुड़े होने के भी सबूत मिले है. इसके बाद मामले की जांच एनआईए ने भी शुरू कर दी है.
बड़े आतंकी हमले की फिराक में थे आतंकी
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक एमपीडी-2505 डिजिटल मोबाइल रेडियो को पाकिस्तान की कंपनी माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स बनाती है. इसके साथ ही एक वायरलेस सेट और एक जीपीएस डिवाइस भी बरामद हुई है जिसकी जांच में पता चला है कि ये सभी डिवाइस पाकिस्तान से ही ली गई हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने और सांबा के दक्षिण में राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पूर्व निर्धारित बिंदु तक पहुंचने के बाद आतंकवादी घाटी की ओर बढ़ रहे थे. भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी से स्पष्ट है कि वे घाटी में बड़े हमले के इरादे से आए थे. सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का भी शक है की शायद ड्रोन के जरिये पहले ये हथियार पहुंचाए गए हैं.
30 किमी पैदर चल कर पिकअप प्वाइंट तक पहुंचे थे आतंकी
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए जैश-ए-मोहम्मद के चारों पाकिस्तानी आतंकियों के बारे में नई जानकारी हाथ लगी है. खुफिया एजेंसियों को खबर लगी है कि मारे गए आतंकी शकरगाह में सांबा सीमा पर जैश के शिविर से 30 किलोमीटर पैदल चले थे. इसके बाद जटवाल स्थित पिकअप प्वाइंट तक पहुंचे थे. बता दें कि सांबा से कठुआ तक का रास्ता 6 किलोमीटर का है. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि आतंकवादी रात के अंधेरे में ही भारत में दाखिल हुए थे.
दर्जनों आत्मघाती गुजरांवाला से घुसपैठ के प्रयास में
खबर के मुताबिक भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को खबर लगी है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को हटाने और तालिबान के पुनरुत्थान के बाद से जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी तेजी से जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हो रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक 14 विशेष रूप से प्रशिक्षित आतंकवादियों को गुजरांवाला के रास्ते भारत में दाखिल करने की कोशिश की जा रही है. अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से कहा, 'अलग-अलग संगठनों के करीब 200 आतंकवादी नियंत्रण रेखा के उस पर लांच पैड्स पर घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं. पता चला है कि अल बद्र ग्रुप फिर से सिर उठा रहा है.
Source : News Nation Bureau