Hathras Satsang: आजाद भारत में पहली बार कुंभ में मची थी भगदड़, 800 लोगों ने गंवाई थी जान, जानें अब तक के बड़े हादसे

हाथरस में भगदड़ मचने से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है. पर ऐसा पहली बार नहीं है कि भगदड़ के कारण मंदिरों और पूजास्थल पर मौत हुई हो, पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हुईं हैं, आइये जानते हैं…

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Major Stampedes in India

Major Stampedes in India ( Photo Credit : Social Media)

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई. भगदड़ के चलते अब तक 100 से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं. मृतकों में बच्चे-बुजुर्ग और महिलाएं भी शामिल हैं. हादसे में कई लोग घायल भी हो गए हैं. उन्हें एटा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. सभी लोग भोले बाबा का सत्संग सुनने पहुंचे थे. इस दौरान कथास्थल से बाहर निकलते वक्त हादसा हो गया. सत्संग और श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मचने की यह घटना पहली नहीं है. आज न्यूज नेशन आपको बताने जा रहा है कि कब-कब मंदिरों और पूजा स्थलों पर ऐसे हादसे हुए, जिसमें सैकड़ों लोगों की जान चली गई. 

कुंभ मेला, उप्र: 3 फरवरी 1954
आजाद भारत में पहला कुंभ 1954 में हुआ था. कुंभ मेला इलाहबाद (प्रयागराज) में आयोजित हुआ था. इस दौरान मौनी अमावस्या के दिन  भयंकर हादसा हो गया. मेले में भगदड़ मच गई और 800 से अधिक लोगों की मौत हो गई. 200 लोग लापता हो गए थे और 2000 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

मंधरादेवी मंदिर, मप्र: 25 जनवरी 2005
महाराष्ट्र के सतारा जिले के पास मंधरादेवी मंदिर में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई. दरअसल, कुछ लोग नारियल तोड़ने के लिए सीढ़ियों पर चढ़ रहे थे, तभी फिसलन की वजह से कुछ लोग सीढ़ियों से गिर गए. 

2008 में तीन मंदिरों में हादसे 

  • जोधपुर शहर के चामुंडा देवी मंदिर में 30 सितंबर 2008 को विस्फोट की खबर फैल गई थी। हालांकि, यह अफवाह थी पर इस वजह से अफरा-तफरी मच गई. भगदड़ से 250 लोगों की मौत हो गई. हादसे में 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
  • सावन में हर साल हिमाचल के नैना देवी मंदिर में हजारों श्रद्धालु आते हैं. 3 अगस्त 2008 को भी कई भक्त आए थे. इस दौरान लैंडस्लाइड हो गया और भगदड़ मच गई. अफरातफरी में 146 लोगों की जान चली गई. 
  • सितंबर में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर में 224 लोगों की जान चली गई. शारदीय नवरात्र में बड़ी संख्या में भक्त आए थे. माता की एक झलक के लिए धक्का-मुक्की हो गई थी. इस वजह से भगदड़ मची और 224 लोगों की मौत हो गई.    

प्रतापगढ़, उप्र: 4 मार्च 2010
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में भगदड़ मची थी. हादसे में 63 लोगों की जान चली गई थी. लोग मुफ्त कपड़े-भोजन लेने के लिए जमा हुए थे.

वैष्णो देवी मंदिर में मची थी भगदड़
एक जनवरी 2022 को नए साल के अवसर पर मंदिर में भगदड़ मच गई थी. हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी और 12 से अधिक लोग घायल हो गए थे.

तमिलनाडु के मंदिर में भी भगदड़
21 अप्रैल 2019 को तमिलनाडु के करुप्पासामी मंदिर में चित्र-पूर्णिमा की रात श्रद्धालुओं के बीच भगदड़ मच गई थी, जिसमें करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी. पीएम ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख के मुआवजे का एलान किया था. 

सबरीमाला मंदिर में एक जीप पलटने से हादसा
14 जनवरी 2011 को मकर संक्रांति पर केरल के सबरीमाला मंदिर में एक जीप पलट गई थी. इससे लोग घबरा गए और इधर-उधर भागने लगे. हादसे में 109 लोगों की मौत हो गई.  

दतिया के रतनगढ़ माता मंदिर में गिर गया था पुल
2013 में एमपी के दतिया में रतनगढ़ माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान पुल पर भगदड़ मच गई थी. हादसे में 115 लोगों की मौत हो गई.  

प्रयागराज में भगदड़
10 फरवरी 2013 को प्रयागराज के कुंभ मेले में भगदड़ मचने से 35 लोगों की मौत हो गई. दर्जनों लोग घायल हो गए थे. घटना मौनी अमावस्या के दौरान प्रयागराज के जंक्शन हुई थी. 

इंदौर के मंदिर में भी हादसा 
2023 में इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर का स्लैब टूट गया था. स्लैब टूटने से 36 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में महिलाओं सहित पांच साल तक के बच्चे भी शामिल थे. 

Source : News Nation Bureau

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