महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सुझाव दिया है कि विकसित देशों की तरह ही मादक पदार्थ मारिजुआना को भारत में औषधीय इस्तेमाल के लिये कानूनी मान्यता दी जानी चाहिये।
नेशनल ड्रग डिमांड रिडक्शन पॉलिसी पर कैबिनेट के एक नोट पर जीओएम की दूसरी बैठक में मेनका गांधी ने ये ये सुझाव दिया। राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कैबिनेट के नोट की समीक्षा की गई।
मेनका गांधी ने कहा, 'कुछ विकसित देशों जैसे अमेरिका ने मारिजुआना को वैध करार कर दिया है। जिसके कारण वहीं पर ड्रग अब्यूज़ के मामलों में कमी आई है।... भारत में भी ऐसा करने की संभावनाओं की तलाश करनी चाहिये।'
जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'मारिजुआना को चिकित्सीय उद्देश्यों के लिए वैधता दी जानी चाहिये, खासकर कैंसर के इलाज में इससे मदद मिलती है।'
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गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई जीओएम की बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कई दवाओं जैसे कोडाइन कफ सीरप और इन्हेलेंट के साथ ही दूसरी दवाओं की बिक्री और उपलब्धता के नियमन पर जोर दिया क्योंकि इन दवाओं का नशे के तौर पर इस्तेमाल रोका जा सके।
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सामाजिक न्याय औऱ अधिकारिता मंत्रालय के सचिव जी लता कृष्णा राव ने कहा, 'फिलहाल ऐसे ड्रग्स को वैध करना सही नहीं होगा।' भारत में अभी जागरूकता की कमी है। लेकिन उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसा करने की संभावना तलाशी जा सकती है।
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Source : News Nation Bureau