संयुक्त राष्ट्र के एक अधिकारी ने सुरक्षा परिषद को चेतावनी दी है कि मालदीव में राष्ट्रपति ने आपातकाल की घोषणा की है और आने वाले समय में स्थिति और खराब हो सकती है।
संयुक्त राष्ट्र के उच्च अधिकारियों की बैठक हुई जिसमें मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन के आपातकाल घोषित करने के फैसले और जज की गिरफ्तारी पर पैदा हुई स्थिति पर चर्चा की गई।
सूत्रों का कहना है कि यूएन के सहायक महासचिव मिरोस्लाव जेंका ने कहा संयुक्त राष्ट्र से कहा कि हालांकि वहां पर हिंसक घटनाओं की कबर नहीं है लेकिन 'स्थिति काफी तनावपूर्ण है और आगे ज्यादा खराब हो सकती है।'
1 फरवरी को स्थिति खराब होने के बाद पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने वहां की स्थिति पर चर्चा की है। लेकिन इस बैठक के बाद कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
वहां पर संकट तब पैदा हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने 9 राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के आदेश दिये। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद भी शामिल हैं।
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चार दिन के बाद यामीन ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी और सुरक्षा बलों को आदेश दिया कि सुप्रीम कोर्ट के जज को गिरफ्तार करे।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने यामीन से कहा था कि वो आपातकाल हटा लें और मानवाधिकार के प्रमुख ज़ैद राद अल हुसैन ने यामीन के फैसले को 'लोकतंत्र पर करारा प्रहार' करार दिया था।
जेंका ने मालदीव के विदेशमंत्री से बात की था और कहा था कि वो मुख्य न्यायाधीश को रिहा करें।
यामीन ने यूरोपियन यूनियन, जर्मनी और ब्रिटेन के राजनयिकों से मिलने से इनकार कर दिया। भारत, चीन और पश्चिमी देशों ने अपने नागरिकों को वहां नहीं जाने की सलाह दी है।
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Source : News Nation Bureau