केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के अंदरखाने की जंग में अब कांग्रेस भी कूद गई है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने इसे सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे ने अपनी याचिका में कहा कि अधिनियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति या उसे हटाने के बारे में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय समिति को ही अधिकार है. इससे पहले राहुल गांधी के नेतृत्व कांग्रेस सीबीआई दफ्तर के बाहर प्रदर्शन भी कर चुकी है.
बता दें कि सीबीआई के टॉप 2 अफसरों के बीच की लड़ाई मीडिया में आने के बाद से सरकार पर विपक्षी दल हमलावर मूड में हैं. प्रतिष्ठित एजेंसी के भीतर की जंग खुलकर पब्लिक में आने के बाद मोदी सरकार ने डैमेज कंट्रोल के तहत सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया.
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है. खड़गे ने इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर करने की पुष्टि करते हुए बताया, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने की कार्रवाई अवैध है और यह सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन भी है.’
पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने खड़गे से कहा था कि वह इस संबंध में याचिका दायर करें. खड़गे सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति के सदस्य भी हैं. बता दें कि सीबीआई में मचे घमासान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी जमकर निशाना साध चुके हैं. उन्होंने राकेश अस्थाना को पीएम का पसंदीदा अधिकारी बताते हुए भी ट्वीट किया था.
Source : News Nation Bureau