लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकपाल चयन समिति की बैठक में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुधवार को लिखे पत्र में खड़गे ने कहा कि यह आमंत्रण चयन समिति से विपक्ष की स्वतंत्र आवाज को बाहर करने का प्रयास है।
बैठक के लिए बतौर 'विशिष्ट निमंत्रित' बुलाए गए खड़गे ने कहा कि वह इस निमंत्रण को लोकपाल अधिनियम की 'पवित्रता' बनाए रखने के लिए नामंजूर कर रहे हैं क्योंकि 'पवित्र प्रक्रिया' को 'राजनीतिक दिखावे' मात्र तक सीमित कर दिया गया है।
बैठक में 'बिना भागीदारी के अधिकार, विचारों को रिकार्ड नहीं करने और बिना मतदान के अधिकार की उनकी भागीदारी महज आंख में धूल झोंकने की कवायद होगी जिसका एकमात्र मकसद चयन प्रक्रिया में विपक्ष की भागीदारी को दिखाना है।'
गुरुवार को होने वाली चयन समिति की बैठक पैनल में प्रसिद्ध कानूनविद् को शामिल करने के लिए होगी।
उन्होंने कहा, 'मैं खुद की तरफ से, अपनी पार्टी की तरफ से और समूचे विपक्ष की तरफ से यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह 'विशेष निमंत्रित का निमंत्रण' लोकपाल चयन के मामले में विपक्ष की आवाज को अलग करने का एक प्रयास है। इससे लोकपाल एवं लोकायुक्त अधिनियम 2013 का उल्लंघन होता है।'
इसे भी पढ़ेंः CBI की दलील कार्ति की बढाई जाए रिमांड, सिंघवी ने किया विरोध
उन्होंने कहा, 'लोकपाल अधिनियम 2013 के अनुसार, विपक्ष के नेता को विशेष आमंत्रित व्यक्ति के रूप में शामिल नहीं किया जा सकता है।'
खड़गे ने कहा कि अगर सरकार लोकपाल को पवित्रता के साथ नियुक्त करने के लिए गंभीर है तो, सरकार को कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाना चाहिए और इस महीने संसद में पेश करना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'इन परिस्थितियों में लोकपाल अधिनियिम 2013 की पवित्रता को बनाए रखने के लिए मुझे विशेष आमंत्रित के निमंत्रण को जरूर अस्वीकार करना चाहिए क्योंकि मौजूदा प्रक्रिया ने एक पवित्र प्रक्रिया को राजनीतिक उपस्थिति मात्र तक सीमित कर दिया है।'
सभी राज्यों की खबरों को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
Source : IANS