भले ही विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हों औऱ ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में तीसरी बार सीएम बन चुकी हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार से उनकी तल्खी कम नहीं हो रही है. चुनाव बाद भी पीएम मोदी पर लगातार निशाना साधने वाली दीदी ने अब मोदी सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगाया है. इस बार दीदी ने आरोप लगाया है कि आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर आहूत वर्चुअल बैठक में दीदी को बोलने नहीं दिया गया. इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे. इस घटना से न सिर्फ दीदी बल्कि टीएमसी के अन्य नेता भी खासे आहत हैं.
दो घंटे की बैठक में भी नहीं आया नंबर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को पीएम मोदी के साथ हुई डिजिटल बैठक के दौरान दो घंटे से अधिक इंतजार करना पड़ा. इसके बावजूद उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. राज्य सचिवालय के सूत्र के मुताबिक दीदी को आजादी के अमृत महोत्सव बैठक में बोलने का मौका नहीं दिया गया, क्योंकि उनका नाम वक्ताओं की सूची में नहीं था. सूत्र ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर नाखुशी जाहिर की है, जिससे राज्य का पूरा प्रशासन भी आहत है.
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इससे पहले भी लगाया है आवाज दबाने का मौका
ऐसा पहली बार नहीं जब बंगाल सरकार ने केंद्र सरकार पर आवाज दबाने का आरोप लगाया है. मई में ही कोरोना प्रबंधन को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों संग पीएम की बैठक के वक्त भी ममता ने यह आरोप लगाया था. उस समय ममता ने मीडिया से कहा था कि बैठक में उन्हें अपमानित महसूस कराया गया. ममता ने कहा था, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्रियों को बुलाकर उन्होंने हमें बोलने का मौका नहीं दिया. हमें बोलने नहीं दिया गया. हमें अपमानित महसूस हुआ.' उस समय ममता ने यह भी कहा कि उन्होंने किसी अधिकारी को इसलिए नहीं भेजा क्योंकि वह खुद पीएम के सामने दवाओं और टीकों की मांग रखना चाहती थीं, लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
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पीएम मोदी ने की आजादी के महोत्सव पर बैठक
गौरतलब है कि आजादी का अमृत महोत्सव के समारोहों व कार्यक्रमों की रूपरेखा तय करने के लिए गठित राष्ट्रीय समिति की यह दूसरी बैठक थी. इसकी अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी ने की.इस बैठक में पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी सहित कई केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ नेता इस बैठक में शामिल हुए. इस समिति के सदस्यों में पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार व सुमित्रा महाजन, भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, विभिन्न राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, आध्यात्मिक नेता, कलाकार तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों के विख्यात व्यक्ति शामिल हैं.
HIGHLIGHTS
- आजादी के महोत्सव पर बुलाई गई थी वर्चुअल बैठक
- टीएमसी नेता का आरोप बोलने का नहीं मिला मौका
- पहले भी लगाती रही हैं आवाज दबाने का आरोप