पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ममता सरकार और मोदी सरकार के बीच राजनीतिक लड़ाई की जद में अब कोरोना वैक्सीन भी आ गई है. सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने केंद्र सरकार पर पर्याप्त संख्या में कोविड-19 टीके उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया, वहीं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (PM Narendra Modit) ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि अभी भी 20 लाख से ज्यादा टीके बंगाल सरकार के पास बचे हुए हैं. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल से पहले राजस्थान और महाराष्ट्र ने भी केंद्र सरकार पर कोरोना के टीके (Corona Vaccine) पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया था.
वैक्सीन की कमी बताने वाला बंगाल बना तीसरा राज्य
इस लिहाज से देखें तो राजस्थान, महाराष्ट्र के बाद पश्चिम बंगाल भी कोरोना वैक्सीन राजनीति की जद में आ गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकार पर पर्याप्त संख्या में कोरोना वैक्सीन नहीं उपलब्ध कराने का आरोप लगाया. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीन की डोज का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि बंगाल को कोविशील्ड और कोवैक्सीन की कुल 52.90 लाख डोज सप्लाई किए गए हैं. इसमें से टीकाकरण अभियान के दौरान राज्य सरकार ने 30.89 लाख का इस्तेमाल किया है, जबकि अभी भी 22.01 लाख कोरोना डोज बचे हुए हैं. यह आंकड़े 17 मार्च, सुबह आठ बजे तक के हैं.
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दीदी शामिल नहीं हुईं हुई पीएम के साथ बैठक में
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विभिन्न मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक में हिस्सा नहीं लिया था. कोरोना के मुद्दे पर हुई इस बातचीत में पीएम के साथ बंगाल के मुख्य सचिव अलापम बंधोउपाध्याय शामिल हुए थे. उन्होंने बैठक के दौरान वैक्सीन का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि बंगाल को और टीकों की जरूरत है. बताया जा रहा है कि चुनावी कैंपेन में बिजी होने की वजह से ममता बनर्जी पीएम मोदी के साथ हुई इस बैठक में शामिल नहीं हो सकीं. उधर, ममता बनर्जी ने झाराग्राम में आयोजित एक रैली में आरोप लगाया कि वह राज्य के लोगों का निशुल्क कोविड-19 टीकाकरण चाहती हैं, लेकिन केंद्र उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहा है.
राजस्थान, महाराष्ट्र भी उठा चुके हैं वैक्सीन की कमी का मुद्दा
पश्चिम बंगाल इकलौता राज्य नहीं है, जिसने हाल के समय में वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया हो. इससे पहले राजस्थान और महाराष्ट्र में स्वास्थ्य मंत्री टीकों की कमी की बात कह चुके हैं. हालांकि, केंद्र सरकार ने उस समय भी बताया था कि दोनों राज्यों के पास पर्याप्त संख्या में वैक्सीन है. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने कहा था कि हमारे पास सिर्फ तीन दिनों के लिए वैक्सीन बची है. इसके बाद, केंद्र ने जवाब दिया कि राजस्थान में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है. भेजी गईं 37.61 लाख खुराकों में से सिर्फ 24.28 लाख खुराकों का इस्तेमाल किया गया है.
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साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों को टीका
अब तक देश में कोविड-19 टीके की कुल 3.64 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी है. सरकार ने बताया कि अंतरिम आंकड़ों के मुताबिक बुधवार शाम सात बजे तक कोविड-19 टीके की 3,64,67,744 खुराक दी गई है. आंकड़ों के मुताबिक इनमें 75,47,958 स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं. स्वास्थ्य कर्मियों में 46,08,397 को दूसरी खुराक भी लग चुकी है. इसके अलावा 76,63,647 अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों को टीका लगाया गया है, जिनमें से 17,86,712 कर्मी दूसरी खुराक ले चुके हैं. इनके अलावा 60 साल से अधिक उम्र के 1,24,74,362 लाभार्थियों को और 45 से 60 साल उम्र के गंभीर बीमारी से जूझ रहे 23,86,568 लोगों को भी कोविड-19 का टीका लगाया गया है.
HIGHLIGHTS
- ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पर्याप्त कोरोना वैक्सीन नहीं दीं
- केंद्र सरकार ने आरोप को खारिज कर बताया 22 लाख टीके अभी भी बाकी
- इसके पहले राजस्थान और महाराष्ट्र सरकार लगा चुकी हैं ऐसा ही आरोप