Advertisment

बंगाल में कोलकाता पुलिस कमिश्नर और सीबीआई के आमने-सामने की वजह, जानिए 10 प्वाइंट में

सीबीआई का दावा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के पास शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत हैं जिसे राजनीतिक शह पर छिपाया जा रहा है.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
बंगाल में कोलकाता पुलिस कमिश्नर और सीबीआई के आमने-सामने की वजह, जानिए 10 प्वाइंट में

कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार (फाइल फोटो)

Advertisment

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चिट फंड घोटाले की जांच मामले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने की कोशिशों के बीच धरने पर बैठ गई. जिसके बाद कोलकाता पुलिस और सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के बीच पैदा हुआ विवाद राजनीतिक बहस का विषय बन गया. ममता बनर्जी एक तरफ इसे केंद्र सरकार द्वारा सीबीआई का गलत इस्तेमाल बता रही है वहीं केंद्र इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई है. वहीं तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता पूरे बंगाल में सोमवार को प्रदर्शन कर रहे हैं और रेल रोको अभियान भी चला रहे हैं.

राजीव कुमार से पूछताछ की कोशिशों के बीच सीबीआई अधिकारियों और पुलिस अधिकारियों के बीच हाथापाई की नौबत भी आई जिसके बाद जांच एजेंसी के अधिकारियों को थाने ले जाया गया. इन सबके बीच सवाल यह है कि सीबीआई चिट फंड घोटाले में पुलिस कमिश्नर ने क्यों पूछताछ करने जा रही है. जानिए सीबीआई और पुलिस कमिश्नर के बीच का पूरा मामला.

1. सीबीआई का दावा है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के पास शारदा चिट फंड घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण सबूत हैं जिसे राजनीतिक शह पर छिपाया जा रहा है.

2. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने अगर सीबीआई के समन का जवाब नहीं दिया तो वे कुमार को इस मामले में गिरफ्तार भी कर सकते हैं.

3. शारदा घोटाले का खुलासा 2013 में हुआ था और जांच में पहला केस अप्रैल 2013 में दर्ज किया गया था. जिसके बाद ममता सरकार द्वारा बनाई गई विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व राजीव कुमार ही कर रहे थे.

4. साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शारदा घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. लिहाजा कोर्ट के निर्देश पर ही सीबीआई कोलकाता पुलिस कमिश्नर से पूछताछ के लिए पहुंची थी.

5. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि कुछ खास लोगों को बचाने के लिए अहम सबूतों से या तो छेड़छाड़ हुई या वे गायब कर दिए गए. इसलिए वे मामले की जांच करना चाहते हैं. सीबीआई का मानना है कि चिट फंड मामले में बड़ी साजिश हुई है.

6. सीबीआई का कहना है कि एसआईटी ने 2013 में जांच के दौरान जो सबूत और कागजात बरामद किए गए थे उसे जांच एजेंसी को नहीं सौंपा गया था.

और पढ़ें : सीबीआई की जांच में अड़ंगा डालकर ममता सरकार ने किया असंवैधानिक काम, जानें क्या कहता है कानून

7. सीबीआई ने कहा है कि पिछले काफी समय से वे राजीव कुमार से पूछताछ की कोशिश हो रही है और सहयोग करने को कहा है लेकिन उन्होंने सीबीआई के अनुरोध को नजरअंदाज किया है.

8. राजीव कुमार को ममता बनर्जी का काफी करीबी माना जाता है. कुमार को 2016 में कोलकाता का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया था.

9. चिट फंड मामले में टीएमसी के कई नेताओं के खिलाफ भी आरोप हैं और कई जेल भी जा चुके हैं. पुलिस कमिश्नर पर पूछताछ के प्रयास के बाद किसी मुख्यमंत्री का इस तरह धरने पर बैठना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का पहला मामला है.

और पढ़ें : नागरिकता विधेयक के विरोध में पद्मश्री लौटाएंगे मणिपुरी फिल्मकार अरिबम शर्मा

10. आमतौर पर कार्रवाई के लिए राज्यों की ओर से सीबीआई को पहले से ही सामान्य अनुमति मिली होती है, लेकिन हाल ही में ममता सरकार ने बिना अनुमित के सीबीआई को राज्य में प्रवेश की इजाजत नहीं दी थी. सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के साल 2010 में दिए गए आदेश के मुताबिक कोई भी कोर्ट सीबीआई जांच का आदेश दे सकता है.

Source : News Nation Bureau

West Bengal Mamata Banerjee कोलकाता cbi सीबीआई Rajiv Kumar राजीव कुमार Saradha Chit Fund Scam शारदा चिटफंड Cbi Vs Kolkata Police
Advertisment
Advertisment