Lakhimpur Case: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर कांड को लेकर राजनीति पूरी तरह गरमा गई है.. चारों तरफ से विपक्ष रूलिंग पार्टी को घेरने की कोशिश कर रहा है..इसी बीच
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने लखीमपुर कांड (Lakhimpur Case) के संबंध में भारतीय जनता पार्टी की जमकर आलोचना की है. उन्होने बीजेपी को तानाशाही पार्टी करार दिया है. ममता बनर्जी यहीं नहीं रुकी उन्होने उत्तर प्रदेश को राम राज्य नहीं बल्कि किलिंग राज बताया है.. वहीं लखीमपुर में किसी भी विपक्षी नेता को घटना स्थल पर नहीं पहुंचने दिया गया.. जिससे दिनभर नेताओं की बयानबाजी चलती रही..
आन्दोलन का गला घोटना चाहती है बीजेपी
धारा 144 लगाने के बाद प्रशासन ने किसी भी विपक्षी नेता को घटना स्थल पर नहीं जाने दिया. जिससे विपक्ष सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से बीजेपी की कड़ी निंदा कर रहा है..राज्य सरकार ने लखनऊ एयरपोर्ट अथॉरिटी से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के डिप्टी सीएम सुखविंदर सिंह रंधावा को शहर में न घुसने देने की अपील की है. बीएसपी को भी घटनास्थल तक नहीं जाने दिया गया. लखीमपुर का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी उछला है. दरअसल किसानों ने सर्वोच्च अदालत में दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी. ऐसे में एक और बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या इतने दिनों से चल रहा आंदोलन रविवार की घटना के बाद बंद हो जाएगा?
हत्या का मुकदमा दर्ज
वही काफी दबाव के बाद शाम को अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया है. आरोप है कि आशीष मिश्रा ने वाहन से किसानों को रौंद दिया. इसी के बाद हिंसा फैली. पुलिस ने किसानों को आश्वासन दिया है कि मृतकों के परिजनों द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर जांच की जाएगी. चाहे आम या खास घटना में संलिप्त किसी भी व्यक्ति बक्शा नहीं जाएगा..
HIGHLIGHTS
- घटना को बताया बेहद दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण
- बीजेपी को तानाशाही के अलावा कुछ नहीं आता
- विपक्षी नेताओं को घटना स्थल पर जाने से रोका