पश्चिम बंगाल (West Bengal) में केंद्र सरकार के बड़े मंत्रियों समेत बीजेपी के दिग्गज नेताओं का दौरा जारी है. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के दौरे से पहले और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के 24 घंटे के अंदर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल दौरे पर आ रहे हैं. पीएम मोदी के इस दौरे से सियासी हलचल तो बढ़ी ही है, लेकिन सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने पीएम के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का ऐलान कर सियासी तापमान बढ़ा दिया है. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) असम से बंगाल पहुंचेंगे और हल्दिया में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले वह कई परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इसी कार्यक्रम में दीदी ने नहीं जाने की बात कही है. गौरतलब है कि लगभग एक पखवाड़े पहले पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत करने बंगाल गए थे. उसी कार्यक्रम में जय श्रीराम की नारेबाजी से नाराज ममता बनर्जी ने इस नारेबाजी को बहुत तूल दिया था.
रविवार को ट्वीट कर पीएम ने शेयर किया कार्यक्रम
असम और बंगाल दौरे से पहले रविवार सुबह पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सियासी बिगुल फूंक दिया है. इसमें उन्होंने बंगाल और देश को कई सौगात देने की बात कही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा है, 'मैं हल्दिया, पश्चिम बंगाल में रहूंगा. वहां बीपीसीएल की ओर से निर्मित एलपीजी इंपोर्ट टर्मिनल को राष्ट्र को समर्पित करूंगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट के तहत दोभी-दुर्गापुर नेचुरल गैस पाइपलाइन सेक्शन को भी राष्ट्र को समर्पित करूंगा.' हल्दिया रिफाइनरी के अलावा पीएम मोदी दूसरी परियोजनाओं का भी उद्घाटन करेंगे. राजनीतिक शिष्टाचार के मुताबिक पीएम से जुड़े किसी सावर्जनिक कार्यक्रम में संबंधित सूबे के मुख्यमंत्री का होना तय माना जाता है.
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न्योता मिलने पर ममता ने किया इंकार
ऐसे में बंगाल की सियासत का असली खेल यहीं से शुरू होता है. हल्दिया में पीएम मोदी का कार्यक्रम सरकारी है. सरकारी प्रोटोकॉल के मुताबिक इसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी न्योता भेजा गया है. सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी के कार्यालय ने पीएमओ को बता दिया है कि वह इस सरकारी कार्यक्रम के दौरान मौजूद नहीं रहेंगी. गौरतलब है कि अभी 15 रोज पुरानी बात है, जब पीएम मोदी कोलकाता में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. ममता बनर्जी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थीं. 23 जनवरी को विक्टोरिया हॉल में जैसे ही ममता के बोलने की बारी आई. कार्यक्रम में मौजूद कुछ लोगों ने जय श्रीराम का नारा लगा दिया. इससे ममता बनर्जी बेहद भड़क गईं और भाषण देने से ही इंकार कर दिया. ममता ने पीएम के सामने ही अपने गुस्से का इजहार कर दिया और कहा कि सरकारी कार्यक्रम में इस तरह बुलाकर बेइज्जती करना ठीक नहीं है. अब जब पीएम मोदी के साथ ममता को एक बार फिर से मंच साझा करने का मौका आया है तो उन्होंने इंकार कर दिया है.
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बीजेपी ने जय श्रीराम को बनाया हथियार
इस कार्यक्रम के बाद हल्दिया में प्रधानमंत्री मोदी मां, माटी, मानुष से लेकर बंगाल की संस्कृति के पन्ने पलटेंगे और एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए पीएम की ये पहली चुनावी सभा होगी. इस जनसभा में 2 लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का दावा किया जा रहा है. गौरतलब है कि बीजेपी जय श्रीराम के नारे पर राजनीति खेल रही है. ममता बनर्जी तो उस दिन भड़क गईं लेकिन इसी नारे को बंगाल में बीजेपी ने हथियार बना लिया है. बीजेपी बार-बार सवाल पूछती है कि ममता दीदी को जय श्री राम के नारे से क्यों डर लगता है? बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को एक बार फिर ये सवाल ममता पर दागा. कह सकते हैं कि बंगाल चुनाव को बीजेपी आक्रामक तरीके से लड़ रही है. 294 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी का टारगेट 200 प्लस सीटों का है और इसके लिए बीजेपी आक्रामक रणनीति अपना रही है. यह अलग बात है कि टीएमसी का दावा है कि इस चुनाव में बीजेपी दहाई अंक नहीं पार कर पाएगी.
HIGHLIGHTS
- हल्दिया में पीएम मोदी के कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगी ममता बनर्जी
- नेताजी बोस की जयंती पर लगे जय श्रीराम के नारे से भड़की हैं दीदी
- विधानसभा चुनाव से पहले ही गरमाया बंगाल का सियासी तापमान