पश्चिम बंगाल की राजनीति से 'लाल किला' उखाड़ फेंकने वाली तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राजनीति की धाकड़ खिलाड़ी हैं. संभवतः यही वजह है कि उन्होंने आसन्न विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की कड़ी चुनौती को भांपते हुए सीधे केंद्र से टकराव का रास्ता अख्तियार किया है. दीदी को अच्छे से समझ आ रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार दबाव में है. ऐसे में उन्होंने कृषि कानूनों पर किसानों की मांगे नहीं माने जाने पर देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.
कानून वापस लेने को कहा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलनरत किसानों की मांगें न माने जाने और सरकार द्वारा तारीख पर तारीख दिए जाने पर चिंता प्रकट की. उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं किसानों, उनके जीवन और आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानूनों को वापस लेना चाहिए. अगर ऐसा तुरंत नहीं किया जाता है, तो हम पूरे राज्य और देश में आंदोलन करेंगे. हम इन किसान विरोधी कानूनों का कड़ा विरोध करते हैं.'
यह भी पढ़ेंः GHMC Elections Result LIVE: रूझानों में उलटफेर, बीजेपी को पछाड़ TRS आगे
साथ ही दिया अल्टीमेटम
ममता ने कहा कि केंद्र सरकार सब कुछ बेच रही है. उन्होंने कहा, 'आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंकों, रक्षा आदि को नहीं बेच सकते.' सीएम ने कहा, 'भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार अलिखित विघटनकारी और निजीकरण नीति को वापस ले. हमने अल्टीमेटम दिया है.' उन्होंने कहा, 'हमें अपने राष्ट्र के खजाने को भाजपा की व्यक्तिगत संपत्ति में बदलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.'
यह भी पढ़ेंः LIVE: सिंघु बॉर्डर पर किसानों से मिले TMC सांसद, आंदोलन को दिया समर्थन
बैठक कर बनाएंगी रणनीति
ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शुक्रवार को आंतरिक रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगी. सीएम ने कहा, 'हमने शुक्रवार को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) की बैठक बुलाई है. हम चर्चा करेंगे कि आवश्यक वस्तु अधिनियम आम लोगों को कैसे प्रभावित कर रहा है और परिणामस्वरूप आसमान छू रहा है. केंद्र इस जनविरोधी कानून को वापस ले.'