44 साल की पूजा भटनागर.. वह जिंदगी की जंग लगभग हार चुकी थी.. डॉक्टरों ने भी अपने हाथ खड़े कर दिए थे.. लेकिन तभी उसका दोस्त मसीहा बनकर आया और उसे पुर्नजन्म दे दिया।
पूजा पिछले 17 सालों से लीवर की गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। डॉक्टरों का कहना था कि अब सिर्फ ट्रांसप्लांट से ही पूजा की जान बच सकती है। ऐसे में घरवालों ने डोनर तलाशना शुरू किया, लेकिन कोई भी लीवर डोनेट करने के लिए तैयार नहीं था।
इसी बीच पूजा ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर मदद मांगी। जिसे पढ़कर उनके पुराने दोस्त प्रसन्ना गोपीनाथ फौरन चेन्नई से दिल्ली पहुंचे। उन्होंने अपना लीवर डोनेट कर दोस्त की जिंदगी बचाने का फैसला लिया। 21 जुलाई को डॉक्टरों ने सफल ऑपरेशन किया और पूजा की जान बचाई जा सकी।
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गोपीनाथ ने बताया कि करीब 10 साल पहले एक यूनिवर्सिटी में उनकी मुलाकात पूजा से हुई थी। वह पूजा और उनके पति के साथ फ्लैट शेयर करते थे। गोपीनाथ ने कहा, 'पूजा मेरे लिए एक फैमिली मेंबर जैसी थी। मैं उसे एक डोनर की तलाश में मरने के लिए कैसे छोड़ देता?'
34 साल के गोपीनाथ डॉग ट्रेनर हैं। वह फिलहाल गुड़गांव में रहते हैं। उनका कहना है कि यह ऑपरेशन इतना भी आसान नहीं था। ऑपरेशन में 25 लाख रुपये खर्च होने थे और पहले ही पूजा के इलाज में पैसा खर्च हो चुका था।
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ऐसे में पूजा के स्टूडेंट्स, दोस्त और परिवार ने मदद की। पूरी दुनिया के करीब 363 लोगों ने ऑनलाइन फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए भी पैसे भेजे, तब ट्रांसप्लांट करना मुमकिन हो सका।
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Source : News Nation Bureau