झारखंड में मिशनरी ऑफ चैरिटी द्वारा हाल में अंजाम दिए गए गोद लेने के मामलों का संज्ञान लेते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री मेनका गांधी ने सोमवार को सभी राज्यों को मिशनरी द्वारा संचालित सभी बाल देखभाल गृहों का तत्काल निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
मंत्रालय के अनुसार, मेनका ने राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी बच्चों के देखभाल की संस्थाएं (सीसीआई) पंजीकृत हों और महीने भर के अंदर केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ी जाएं।
किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम 2015 के तहत सीसीआई में पंजीकरण व कारा से जोड़े जाने की अनिवार्यता है। यह अधिनियम दो साल पहले लागू किया गया था, लेकिन कुछ अनाथालय इसकी वैधता को चुनौती देते हैं।
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सर्वोच्च न्यायालय ने वैधता को चुनौती देने के मामले में याचिकाओं को खारिज कर दिया है और 2015 के अधिनियम की वैधता को अपने दिसंबर 2017 के आदेश में कायम रखा है। इसके बाद से करीब 2,300 सीसीआई को कारा से जोड़ा गया है और करीब 4,000 अभी भी जोड़े जाने के लिए लंबित हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कारा से जुड़े 2,300 संस्थानों पर भी नाराजगी जताई है, क्योंकि बच्चों को अभी भी गोद लेने की प्रणाली में नहीं लाया गया है।
एक बयान में कहा गया, 'मंत्री के इस मुद्दे को राज्यों के डब्ल्यूसीडी मंत्रियों की बैठक में सख्ती दिखाने की उम्मीद है। यह बैठक 17 जुलाई को होनी है।'
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Source : IANS