त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार ने विधानसभा चुनाव परिणाम के एक दिन बाद रविवार को राज्यपाल तथागत रॉय को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
माणिक सरकार पिछले चार कार्यकाल यानि साल 1998 से मुख्यमंत्री थे। राज्य में नई सरकार के गठन तक सरकार मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे।
राजभवन से बाहर निकलकर माणिक सरकार ने कहा कि वे या उनके मंत्री इतने सालों तक सरकार नहीं चला पाते अगर यहां की जनता का सहयोग नहीं मिलता। उन्होंने राज्य के लोगों और राज्य के प्रशासनिक कार्यों में लगे कर्मचारियों का भी आभार जताया।
त्रिपुरा चुनाव 2018 के शनिवार को आए परिणाम में भारतीय जनता पार्टी ने 25 साल से सत्ता में रहने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) को हराकर बहुमत हासिल की थी।
60 विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने गठबंधन के साथ मिलकर कुल 43 सीटें हासिल की। जबकि 2013 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एक भी सीट हासिल नहीं हुई थी।
पिछले विधानसभा में 50 सीट हासिल करने वाली लेफ्ट को केवल 16 सीटें ही हासिल हुईं। बीजेपी को 35 सीटें मिली वहीं उसके सहयोगी इंडीजीनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को 8 सीटें मिली थी।
त्रिपुरा के बीजेपी अध्यक्ष बिप्लब कुमार देब ने कहा कि विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए 6 मार्च को बीजेपी और आईपीएफटी के विधायक बैठक करेंगे।
उम्मीद है कि बीजेपी राज्य में पार्टी अध्यक्ष और युवा नेता बिप्लब कुमार देब को ही त्रिपुरा का अगला मुख्यमंत्री बना सकती है।
देब ने बनमालीपुर विधानसभा सीट पर सीपीएम उम्मीदवार और पार्टी के युवा नेता अमाल चक्रवर्ती को 9,549 मतों के भारी अंतर से हराकर अपना पहला चुनाव जीता है।
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Source : News Nation Bureau