मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पत्रकार किशोरचंद वांगखेम की गिरफ्तारी पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वे झांसी की रानी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसे राष्ट्रीय नायकों का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. बता दें कि मणिपुर और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार की सोशल मीडिया पर आलोचना करने के आरोप में इंफाल के पत्रकार वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत स्थानीय कोर्ट ने एक साल की सजा सुनाई जिसे रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
एन बिरेन सिंह ने कहा, 'मैं आलोचना बर्दाश्त कर सकता हूं लेकिन अपने नेताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता हूं. उन्होंने (किशोरचंद वांगखेम) पीएम मोदी और झांसी की रानी जैसे नेशनल हीरो का गाली देने के साथ-साथ अपमान किया था. यह पूरी तरह से अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है.'
उन्होंने पत्रकार की गिरफ्तारी पर कहा, 'यह सही है या नहीं, यह कोर्ट का काम है. यह एक लोकतांत्रिक देश है, हमें आलोचना करने का अधिकार है लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि इसमें कुछ प्रतिबंध भी हैं.'
CM N Biren Singh on Manipur journalist arrested: In this case I can tolerate criticism but not humiliation of my leaders, he was abusing as well as humiliating the national heroes like Rani of Jhansi and PM Modi, which is totally beyond freedom of expression. https://t.co/AWilMenLnC
— ANI (@ANI) December 24, 2018
पत्रकार किशोरचंद वांगखेम ने राज्य में रानी लक्ष्मीबाई की जयंती मनाने को लेकर मणिपुर सरकार की आलोचना की थी. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के एडवाइजरी बोर्ड ने 11 दिसंबर को हुई बैठक में पत्रकार किशोरचंद वांगखेम के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की थी. 13 दिसंबर को बोर्ड ने सिफारिश की थी कि वांगखेम को हिरासत में लेने के लिए एनएसए के प्रावधानों के तहत पर्याप्त सबूत हैं.
वांगखेम ने कथित तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को 'केंद्र की कठपुतली' और 'हिंदुत्व की कठपुतली' बताया था. 39 वर्षीय वांगखेम को एनएसए के तहत 26 नवंबर को केंद्र और राज्य की बीजेपी सरकार की आलोचना करने के कारण हिरासत में लिया गया था. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन अगले दिन रासुका के तहत उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था.
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अधिकारियों ने कहा था कि किशोरचंद वांगखेम एक स्थानीय टीवी चैनल में पत्रकार हैं. 19 नवंबर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती थी जिनकी 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका रही थी. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अपने वीडियो में वांगखेम ने कथित तौर पर कहा है कि वह यह जानकर दुखी और स्तब्ध हैं कि मणिपुर में मौजूदा सरकार झांसी की रानी की जयंती मना रही है.
उन्होंने कथित तौर पर कहा कि झांसी की रानी ने जो किया उसका मणिपुर से कुछ लेना देना नहीं है और राज्य उनकी जयंती मना रहा है क्योंकि केंद्र ने उससे ऐसा करने को कहा है.
Source : News Nation Bureau