Manipur High Court: पूर्वोत्तर के राज्य मणिपुर में जारी हिंसा के बीच हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने वाले अपने ही आदेश को पलट दिया है. मणिपुर हाईकोर्ट ने पिछले साल ही मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल होने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के इसी आदेश के बाद राज्य में हिंसा का दौर शुरू हो गया था. जो अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा. मणिपुर हिंसा में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है. जबकि हिंसा के चलते हजारों लोग राज्य से पलायन कर दूसरे राज्यों में चले गए हैं.
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हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य में बढ़ सकती है अशांति
बता दें कि मणिपुर हाईकोर्ट ने 2023 में राज्य की मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति यानी एसटी में शामिल होने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी. अब हाईकोर्ट ने अपने ही आदेश को पलट दिया. हाईकोर्ट का कहना है कि इस आदेश के बाद राज्य में एक बार फिर से जातीय अशांति बढ़ सकती है. बता दें कि मणिपुर में पिछले साल मई में भड़की हिंसा से अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
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समीक्षा याचिका पर बदला हाईकोर्ट ने अपना फैसला
मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के आदेश के बाद इस मामले में समीक्षा याचिका दायर की गई थी. इसी समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने ही फैसले को बदल दिया. गौरतलब है कि 27 मार्च 2023 को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने पर विचार किया जाए. अदालत के इस फैसले के बाद मई में राज्य में जातीय सिंहा भड़क गई. जो अभी तक जारी है.
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Source : News Nation Bureau