मणिपुर और केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा झांसी की रानी की जयंती मनाने से जुड़े आलोचनात्मक वीडियो कथित तौर पर अपलोड किये जाने के मामले में इंफाल स्थित एक पत्रकार को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारियों ने कहा कि किशोरचंद वांगखेम एक स्थानीय टीवी चैनल में पत्रकार है और 19 नवंबर को उसने अंग्रेजी और मैती में जो वीडियो अपलोड किये वे उसके आधिकारिक काम से संबद्ध नहीं हैं.
19 नवंबर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती है जिनकी 1857 के पहले स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका थी. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक अपने वीडियो में वांगखेम ने कथित तौर पर कहा है कि वह यह जानकर दुखी और स्तब्ध हैं कि मणिपुर में मौजूदा सरकार झांसी की रानी की जयंती मना रही है.
उन्होंने कथित तौर पर कहा कि झांसी की रानी ने जो किया उसका मणिपुर से कुछ लेना देना नहीं है और राज्य उनकी जयंती मना रहा है क्योंकि केंद्र ने उससे ऐसा करने को कहा है.
खबरों में कहा गया है कि इस संदर्भ में उन्होंने कथित तौर पर बीरेन सिंह को 'केंद्र की कठपुतली' और 'हिंदुत्व की कठपुतली' करार दिया है. मुख्यमंत्री ने दावा किया था कि यह इसलिये किया गया क्योंकि उन्होंने देश के एकीकरण में भूमिका निभाई थी.
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वांगखेम को 20 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें सोमवार को जमानत दे दी थी, लेकिन अगले दिन रासुका के तहत उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया.
Source : PTI