मणिपुर में भूस्खलन की वजह से भयंकर हादसा हुआ है. ये भूस्खलन नोनी जिले में हुआ. इस भूस्खलन की चपेट में जिरिबाम-इंफाल रेलवे लाइन पर काम कर रहे मजदूर, स्थानील लोग और टेरिटोरियल आर्मी के सदस्य आ गए, जिसमें से 13 के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि दर्जनों अब भी घायल हैं. मणिपुर के डीजीपी पी डॉउन्गेंल (DGP P Doungel) ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब तक 13 शव बरामद हो चुके हैं. राहत और बचाव कार्य जारी है.
जानकारी के मुताबिक, ये प्राकृतिक आपदा नोनी ज़िले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास आई है. यहां जिरिबाम से इंफाल जाने वाली निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए तैनात 107 टेरिटोरियल आर्मी की पूरी कंपनी भी भूस्खलन की चपेट में आ गई है. सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार हादसे में टेरिटोरियल आर्मी के 7 सैनिकों की मौत हो गई है, और 23 जवान लापता हैं. यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन बारिश की वजह से काफी परेशानियां सामने आ रही हैं.
राहत-बचाव कार्य में जुटी एनडीआरएफ-एसडीआरएफ
ये भूस्खलन गुरुवार सुबह साढ़े पांच बजे तक भूस्खलन के कारण फंसे 13 लोगों को बचा लिया गया था. घायलों का इलाज नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है. इस बीच सुबह से ही एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के जवान राहत-बचाव कार्य में लगे हुए हैं. कई लोगों को बचाया भी गया है. स्थानीय प्रशासन भी राहत-बचाव कार्य में लगी हुई है.
पीएम मोदी ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा
इस बीच पीएम मोदी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री से बातचीत की, और मदद का भरोसा दिया. पीएम मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से बात की और दुखद भूस्खलन से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की. केंद्र से हरसंभव मदद का उन्हें आश्वासन दिया. मैं इससे प्रभावित सभी लोगों के सुरक्षित होने की कामना करता हूं. शोकाकुल परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं. घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
HIGHLIGHTS
- मणिपुर में भूस्खलन के चलते बड़ा हादसा
- अब तक 13 शव बरामद, 20 लोग बचाए गए
- हादसे में दर्जनों लोग अब भी लापता