Manipur Violence : मणिपुर पिछले तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. कुकी और मैतेई समुदाय के जातीय संघर्ष से पूरे राज्य में तनाव व्याप्त है. इस हिंसा में कई लोगों के घर और दुकान जलकर राख हो गए हैं. दो सुमदाय के जातीय संघर्ष में अबतक 150 लोगों की मौत हो चुकी है. ये हिंसा अब सिर्फ राज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है. इसे लेकर सदन के मानसून सत्र में हंगामा जारी है. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन औवेसी और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का बड़ा बयान सामने आया है.
AIMIM चीफ असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि मुद्दा यह है कि केंद्र सरकार अपनी छवि को लेकर अधिक चिंतित है. यह हिंसा पिछले तीन महीनों से जारी है. यह शर्मनाक है कि उन्हें उन दो महिलाओं और कई अन्य महिलाओं के साथ हुए बलात्कार की कोई चिंता नहीं है. उनके लिए सब कुछ एक साजिश है, लेकिन मणिपुर में हिंसा के बारे में क्या? वे जानबूझकर इसे नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए, साजिश का एक नया कोण दिया जा रहा है... मुख्यमंत्री को हटाएं, सारी जांच सीबीआई को सौंपी जाए और हथियार लूटने का मामला एनआईए को दिया जाए. तभी न्याय हो सकेगा.
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मणिपुर नहीं कहीं भी अगर कानून टूटता है, खासकर महिलाओं को लेकर कोई दुर्घटना होती है तो शर्म के अलावा कोई अन्य बात नहीं हो सकती है. असल इम्तिहान अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो रही है या नहीं वह है. इससे लोगों में विश्वास बनता है. यह काम तभी बनता है जब एजेंसियां अपना काम करती हैं. मुझे लगता है कि वह हो रहा है.