दिल्ली में कांग्रेस के 84वें महाधिवेशन के तीसरे और अंतिम दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। मनमोहन सिंह ने बीजेपी सरकार पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाया। सिंह ने मोदी सरकार पर जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को सही ढंग से नहीं संभाल पाने का भी आरोप लगाया है।
महाधिवेशन में मनमोहन सिंह ने संबोधित करते हुए कहा मौजूदा बीजेपी सरकार ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने चुनाव प्रचार में बहुत बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन पूरे नहीं किए।
मनमोहन सिंह ने कहा, 'हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा किया गया, लेकिन 2 लाख नौकरियां भी नहीं दी गईं। नोटबंदी और गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी ने रोजगार खत्म करने का काम किया।'
मनमोहन सिंह ने मोदी जी के वादों की भी आलोचना की। उन्होंने पीएम मोदी का नाम लेते हुए कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया गया था, लेकिन पिछले 4 साल में हालत ये हैं कि कृषि विकास की रफ्तार थम गई है।
मनमोहन सिंह ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विकास दर का 12 फीसदी होना जरूरी है, जो फिलहाल संभव नहीं दिखती। ऐसे में ये वादा एक जुमला भर नजर आता है।
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मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान से संबंधों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या पर समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों देशों को बात करनी होगी। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान की तरफ से सीमा पर आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के मौजूदा बिगड़ते हालात को लेकर भी उन्होंने मोदी सरकार को घेरा। मनमोहन सिंह ने आरोप लगाया कि जो हालात अभी जम्मू-कश्मीर में हैं, वैसे पहले कभी नहीं हुए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में माहौल लगातार बिगड़ रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा और सीमा पर आतंकवाद से निपटने के लिए मोदी सरकार ने कोई रास्ता नहीं निकाला। वो ये भी बोले कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन ये भी जरूरी है कि हम यहां की समस्याओं देखें और गंभीरता से उसके समाधान तलाश करें।
मनमोहन सिंह के बाद महाधिवेशन को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संबोधित करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था में जो अभी ग्रोथ देखा जा रहा है इसकी शुरुआत 1990 के दशक में हुई जिसके बीज राजीव गांधी ने बोए थे और इसने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गति पकड़ी। हालांकि बीजेपी और एनडीए इस पर कुछ न बोलें लेकिन रिकॉर्ड अपने आप इसकी गवाही देते हैं।
चिदंबरम ने नोटबंदी के दौरान बैंकों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, 'आरबीआई के अधिकारियों को तिरुपति के हुंडी जमा करने वालों के पास जाना चाहिए। वे आपसे अधिक तेजी से नोटों की गिनती करते हैं।'
चिदंबरम के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि राहुल भाई कार्यकर्ताओं को समेट लो अगले साल लाल किले पर झंडा आप ही फहराओगे।
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सिद्धू ने मनमोहन सिंह से कहा कि आप सरदार भी हैं और असरदार भी हैं। नवजोत ने यह भी कहा कि बीजेपी के शोर से मनमोहन सिंह का शोर अच्छा है।
इससे पहले अधिवेशन में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने मौजूदा सरकार की विदेश नीति पर प्रस्ताव पेश किया।
उन्होंने कहा, 'नियंत्रण रेखा और हमारी सीमाओं पर पाकिस्तानी सशस्त्र बलों द्वारा गोलाबारी समेत शत्रु की कार्रवाई बढ़ी है। इसमें दो राय नहीं कि इस कार्रवाई को उचित जवाब की जरूरत है।'
प्रस्ताव में कहा गया है, 'ठोस जवाबी कार्रवाइयों के साथ सीमा पार आतंकवाद से मुकाबला करने के मुद्दे पर पूरे देश में सहमति है। लेकिन यह खेदजनक है सरकार पाकिस्तान के प्रति अपनी नीति को एक विभाजनकारी घरेलू मुद्दे का रूप देकर इस सहमति को कमजोर कर रही है।'
प्रस्ताव में कहा गया है, 'पाकिस्तान के प्रति अधिक प्रभावी और आक्रामक नीति के दावे खोखले हैं और इसके अभी तक कोई सकारात्मक नतीजे नहीं आए हैं।'
पार्टी ने कहा है कि कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान अंतर्राष्ट्रीय धारणा भारत-पाकिस्तान की तुलना करने की दीर्घकालिक परंपरा को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया गया था।
प्रस्ताव में कहा गया है, 'यह चिंता का विषय है कि पूरे विश्व का ध्यान भारत-पाकिस्तान के तनाव पर नए सिरे से केंद्रित हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप फिर से पहले जैसे हालात बनने का खतरा पैदा हो रहा है।'
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है, 'कांग्रेस का मानना है कि भाजपा सरकार के पास कोई कार्ययोजना नहीं है और उसकी पाकिस्तान नीति एक आपदा है।'
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Source : News Nation Bureau