प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम के जरिए राष्ट्र को संबोधित किया. 'मन की बात' कार्यक्रम का यह अब तक का 76वां और इस साल का 4 संस्करण था. आज इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना से निपटने के तरीकों और वैक्सीनेशन की चर्चा की. संक्रमण की वृद्धि को देखते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने देश की जनता से भी खास अपील की और साथ ही 'दवाई भी-कड़ाई भी' का मंत्र भी दोहराया. प्रधानमंत्री ने आज कोरोना के संकट काल में जनता द्वारा उठाए गए कदमों की तारीफ भी की.
पीएम मोदी ने दूसरी लहर को तूफान बताया
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना की पहली वेव का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के बाद देश हौसले और आत्मविश्वास से भरा हुआ था, लेकिन इस तूफान (दूसरी वेव) ने देश को झकझोर दिया है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों इस संकट से निपटने के लिए, मेरी अलग-अलग सेक्टर के एक्सपर्ट के साथ, विशेषज्ञों के साथ लंबी चर्चा हुई है. हमारी फार्मा इंडस्ट्री के लोग हों, वैक्सीन निर्माता हों, ऑक्सीजन के उत्पादन से जुड़े लोग हों या फिर मेडिकल फील्ड के जानकार, उन्होंने, अपने महत्वपूर्ण सुझाव सरकार को दिए हैं.
लोगों को डॉक्टर्स से सलाह लेने की अपील
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से अपने फेमिली डॉक्टर्स से सलाह लेने की अपील. उन्होंने कहा कि इस समय हमें इस लड़ाई को जीतने के लिए, एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिक सलाह को प्राथमिकता देनी है. मोदी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयत्नों को आगे बढ़ाने में भारत सरकार पूरी शक्ति से जुटी हुई है. राज्य सरकारें भी अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि कि आपको अगर कोई भी जानकारी चाहिए हो, कोई आशंका हो तो सही सोर्स से ही जानकारी लें. अपने फैमिली डॉक्टर, आसपास के डॉक्टर को संपर्क करके उनसे सलाह लीजिए.
डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स अब बीमारी पर ज्यादा अनुभव
उन्होंने कहा कि कई डॉक्टर्स सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जानकारी दे रहे हैं. फोन पर, व्हॉट्सअप पर भी काउंसलिंग कर रहे हैं. कई हॉस्पिटल की वेबसाइटें हैं, जहां जानकारियां भी उपलब्ध हैं, और वहां आप डॉक्टर्स से, परामर्श भी ले सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस समय बहुत बड़ी लड़ाई देश के डॉक्टर और हेल्थ वर्कर्स लड़ रहे हैं. पिछले एक साल में उन्हें इस बीमारी को लेकर हर तरह के अनुभव भी हुए हैं. कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने मुंबई के डॉक्टर शशांक से बातचीत की और उनके अनुभव साझा किए.
लोगों से अफवाहों से बचने की अपील की
मन की बात कार्यक्रम में श्रीनगर के डॉक्टर नावीद नजीर शाह ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपना अनुभव साझा किया. साथ ही पीएम मोदी ने लोगों से अफवाहों से भी बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि कोरोना के इस संकट काल में वैक्सीन की अहमियत सभी को पता चल रही है, इसलिए मेरा आग्रह है कि वैक्सीन को लेकर किसी भी अफवाह में न आएं. उन्होंने कहा कि आप सभी को मालूम भी होगा कि भारत सरकार की तरफ से सभी राज्य सरकारों को फ्री वैक्सीन भेजी गई है, जिसका लाभ 45 साल की उम्र के ऊपर के लोग ले सकते हैं. अब तो 1 मई से देश में 18 साल के ऊपर के हर व्यक्ति के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने वाली है.
लोगों को फ्री वैक्सीन का वादा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने फ्री वैक्सीन आगे भी दिए जाने की बात कही. उन्होंने कहा कि भारत सरकार की तरफ से अभी मुफ्त वैक्सीन का जो कार्यक्रम चल रहा है, वो आगे भी चलता रहेगा. मोदी ने कहा कि मेरा राज्यों से भी आग्रह है कि वो भारत सरकार के इस मुफ्त वैक्सीन अभियान का लाभ अपने राज्य के ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं.
नर्सिंग स्टाफ की तारीफ की
इस दौरान पीएम मोदी ने नर्सिंग स्टाफ की तारीफ की. उन्होंने कहा कि हम सब जानते हैं कि बीमारी में हमारे लिए अपनी, अपने परिवार की देखभाल करना, मानसिक तौर पर कितना मुश्किल होता है, लेकिन हमारे अस्पतालों के नर्सिंग स्टाफ को तो, यही काम, लगातार, कितने ही मरीजों के लिए एक साथ करना होता है. पीएम मोदी ने रायपुर के डॉक्टर बी.आर. अम्बेडकर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहीं सिस्टर भावना ध्रुव से कोविड काल में उनके अनुभव के बारे में बातचीत की.
एंबुलेंस चालक की भी तारीफ की
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए सकारात्मकता बहुत ज्यादा जरूरी है और देशवासियों को इसे बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स और स्टाफ के साथ-साथ इस समय लैब टैक्नीशियन और एंबुलेंस चालक जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स भी भगवान की तरह ही काम कर रहे हैं. जब कोई एंबुलेंस किसी मरीज तक पहुंचती हैं तो उन्हें एंबुलेंस ड्राइवर देवदूत जैसा ही लगता है. इन सबकी सेवाओं के बारे में, इनके अनुभव के बारे में, देश को जरुर जानना चाहिए. मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जितने भी जीवन बच रहे हैं, उसमें एंबुलेंस चालक का भी बहुत बड़ा योगदान है.
पीएम मोदी ने गांवों का जिक्र किया
कोरोना संकट को लेकर पीएम मोदी ने गांवों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस बार गांवों में भी नई जागरूकता देखी जा रही है. कोविड नियमों का सख्ती से पालन करते हुए लोग अपने गांव की कोरोना से रक्षा कर रहे हैं. जो लोग बाहर से आ रहे हैं उनके लिए सही व्यवस्थाएं भी बनाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि देश के अलग-अलग कोने में इस चुनौतीपूर्ण समय में भी स्वयं सेवी संगठन आगे आकर दूसरों की मदद के लिए जो भी कर सकते हैं वो करने का प्रयास कर रहे हैं. मोदी ने कहा कि देश एक बार फिर एकजुट होकर कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई लड़ रहा है.
देशवासी जी-जान से कोरोना से लड़ रहे- मोदी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ देश दिन-रात अस्पतालों, वेंटिलेटर्स और दवाईयों के लिए काम कर रहा है, तो दूसरी ओर देशवासी भी जी-जान से कोरोना की चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये भावना हमें कितनी ताकत देती है, कितना विश्वास देती है. ये जो भी प्रयास हो रहे हैं, समाज की बहुत बड़ी सेवा है. ये समाज की शक्ति बढ़ाते हैं. मोदी ने कहा कि आज ‘मन की बात’ की पूरी चर्चा को हमने कोरोना महामारी पर ही रखा, क्योंकि आज हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है, इस बीमारी को हराना.
'दवाई भी, कड़ाई भी' का मंत्र दोहराया
पीएम मोदी ने कहा कि एक नागरिक के तौर पर हम अपने जीवन में जितनी कुशलता से अपने कर्तव्यों को निभायेंगे. संकट से मुक्त होकर भविष्य के रास्ते पर उतनी ही तेजी से आगे बढ़ेंगे. इसी कामना के साथ मैं आप सभी से एक बार फिर आग्रह करता हूं कि वैक्सीन हम सब को लगवाना है और पूरी सावधानी भी रखनी है. उन्होंने कहा कि दवाई भी, कड़ाई भी- इस मंत्र को कभी भी नहीं भूलना है. हम जल्द ही साथ मिलकर इस आपदा से बाहर आएंगे.