आज लॉकडाउन 4 आखिरी दिन है. 1 जून यानी कल से अनलॉक 1 शुरू हो रहा है यानी कल से चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन खोले जाने का पहला पड़ाव शुरू हो रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी रविवार को लोगों से मन की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, कोरोना के प्रभाव से हमारी मन की बात भी अछूती नहीं रही. पिछली मन की बात की समय पैसेंजर ट्रेन, बसें, हवाई सेवा बंद थी. इस बार काफी कुछ खुल चुका है.
पीएम मोदी ने कहा, तमाम सावधानियों के साथ, हवाई जहाज उड़ने लगे हैं, धीरे-धीरे उद्योग भी चलना शुरू हुआ है, यानी, अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा अब चल पड़ा है, खुल गया है. ऐसे में, हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है. पीएम मोदी ने कहा, देश में सबके सामूहिक प्रयासों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. हमारी जनसंख्या ज़्यादातर देशों से कई गुना ज्यादा है, फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फ़ैल सका, जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला.
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी हमारे देश में काफी कम है. जो नुकसान हुआ है, उसका दु:ख हम सबको है.लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं, वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है. उन्होंने कहा, देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और शक्ति इस लड़ाई में हमारी सबसे बड़ी ताकत है और वो है- देशवासियों की सेवाशक्ति पीएम मोदी ने कहा, हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है. मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है. सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है.
यह भी पढ़ें: प्रवासियों को लॉकडाउन से पहले जाने दिया होता, तो कोविड-19 के मामले इस कदर न बढ़ते
पीएम मोदी ने आगे कहा, देश के सभी इलाकों से महिला Self Help Group के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं. गांवों, कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं. तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही हैं.
एक और बात जो मेरे मन को छू गई, वो है संकट की इस घड़ी में innovation, गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से लेकर startup तक, हमारी labs कोरोना से लड़ाई में, नए-नए तरीके इज़ाद कर रहे हैं, नए innovation कर रहे हैं.
मन की बात में पीएम मोदी ने कहा, किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है. हजारों साल की मानव जाति की यात्रा लगातार इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची है. उन्होंने कहा, हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है. उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती.
पीएम मोदी ने कहा, कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है. एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है. जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है. ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें: अनलॉक 1.0 से पहले एक दिन में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड मामले और मौतें, महाराष्ट्र सबसे आगे
पीएम मोदी ने कहा, हमारे रेलवे के साथ दिन-रात लगे हुए हैं. केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं हो- हर कोई दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, कहीं श्रमिकों की skill mapping का काम हो रहा है, कहीं startups इस काम में जुटे हैं, कहीं migration commission बनाने की बात हो रही है. साथ ही केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं.
पीएम मोदी ने कहा, बहुत से लोगों ने ये बताया है कि उन्होंने, जो जो समान उनके इलाके में मिलते हैं, उनकी पूरी लिस्ट बना ली है. ये लोग अब लोकल प्रोडक्ट्स को ही खरीद रहे हैं और वोकल फॉर लोकल को प्रमोट कर रहे हैं. कोरोना संकट के इस दौर में, मेरी, विश्व के अनेक नेताओं से बातचीत हुई है, इन दिनों, उनकी बहुत ज्यादा दिलचस्पी योग और आयुर्वेद के संबंध में होती है.
'एक तरफ हम महामारी से लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ हमें हाल में पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में प्राकृतिक आपदा का भी सामना करना पड़ा है. हालात का जायजा लेने के लिए मैं ओडिशा और पश्चिम बंगाल गया था। संकट की इस घड़ी में देश भी, हर तरह से वहां के लोगों के साथ खड़ा है
Source : News Nation Bureau