प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले ख़ास कार्यक्रम 'मन की बात' में महिलाओं को सशक्त करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के पास अगर मजबूत इच्छाशक्ति हो तो उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है।
मोदी ने अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला को उनकी पुण्यतिथि (एक फरवरी) से पहले याद करते हुए कहा कि कल्पना ने सभी भारतीयों खासकर युवतियों को बहुमूल्य संदेश दिया है।
अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की 40वीं कड़ी में मोदी ने कहा, "उनका संदेश है कि..'महिलाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं, अगर उनके पास मजबूत इच्छा शक्ति है तो'।"
मोदी ने कहा कि भारत में महिलाएं हर क्षेत्र में प्रगति कर रही हैं और पूरे विश्व को चकित कर रही है। उन्होंने कहा कि पवित्र वेदों के कई छंद महिलाओं द्वारा रचे गए थे।
उन्होंने 2018 के अपने पहले रेडियो कार्यक्रम में कहा, 'आज हम बेटी बचाओ की बात करते हैं लेकिन सदियों पहले हमारे शास्त्रों में, स्कन्द-पुराण में,कहा गया है- दशपुत्र, समाकन्या, दशपुत्रान प्रवर्धयन् । यत् फलं लभतेमर्त्य, तत् लभ्यं कन्यकैकया। अर्थात, एक बेटी दस बेटों के बराबर है। दस बेटों से जितना पुण्य मिलेगा एक बेटी से उतना ही पुण्य मिलेगा। यह हमारे समाज में नारी के महत्व को दर्शाता है।'
आगे उन्होंने कहा कि मैं आपको बताता हूं कि एक बेटी 10 बेटों के बराबर है। जो पुण्य हम 10 बेटों से प्राप्त करते हैं, वह हमें केवल एक बेटी से प्राप्त हो सकता है।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान, उनका समाज में स्थान और उनका योगदान, यह पूरी दुनिया को अचंभित करता आया है। भारतीय विदुषियों की लम्बी परम्परा रही है। वेदों की ऋचाओं को गढ़ने में भारत की बहुत-सी विदुषियों का योगदान रहा है। चाहे वैदिक काल की विदुषियां लोपामुद्रा, गार्गी, मैत्रेयी की विद्वता हो या अक्का महादेवी और मीराबाई का ज्ञान और भक्ति हो, चाहे अहिल्याबाई होलकर की शासन व्यवस्था हो या रानी लक्ष्मीबाई की वीरता, नारी शक्ति हमेशा हमें प्रेरित करती आयी है।
मन की बात में बोले पीएम मोदी, नारी शक्ति ने रूढ़ीवादिता तोड़कर हासिल की उपलब्धियां
Source : News Nation Bureau