गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का शनिवार को निधन हो गया. पर्रिकर लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे और पिछले 48 घंटों के दौरान उनकी सेहत लगातार खराब चल रही थी. सीएम पर्रिकर 2018 से अबतक दिल्ली, मुंबई और अमेरिका में इलाज करा चुके थे. बीते 14 दिसंबर को वे दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज हुए थे. हालांकि वो मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए दफ्तर से काम निपटा रहे थे.
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बता दें कि मनोहर पर्रिकर एक जुझारु सीएम के तौर पर पहचाने जाते है. बीमारी के हालत में भी पर्रिकर नाक में ड्रिल लगाए काम करते देखा गया था. बतौर रक्षा मंत्री रहते हुए भी उन्होंने रक्षा क्षेत्र से जुड़ें कई महत्वपूर्ण काम किए थे.
बीजेपी से गोवा के CM बनने वाले बने पहले नेता
- 13 दिसबंर 1955 को जन्में मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री होने से पहले उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद भी रह चुके है. बात करें उनकी शिक्षा दीक्षा की तो उन्होंने सन् 1978 में आईआईटी मुंबई से स्नातक की परीक्षा पास की थी. इसी के साथ पर्रिकर भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने आई.आई.टी. से स्नातक किया. उन्हें सन 2001 में आईआईटी मुंबई द्वारा विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गई थी.
- भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं. 24 अक्टूबर 2000 को उन्होंने गोवा की कमान बतौर सीएम संभाली लेकिन उनकी सरकार 27 फरवरी 2000 तक ही चल पाई थी. लेकिन जून 2002 में वो फिर से सभा के सदस्य बने और 5 जून 2002 को वो दोबारा सीएम पद के लिए चयनीत हुए थे.
- 13 मार्च 2017 को मनोहर पर्रिकर ने गोवा के सीएम के रूप में शपथ ली. राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई थी.
- पर्रिकर ने गोवा में छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई है और चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
- प्लानिंग कमीशन ऑफ इन्डिया तथा इंडिया टुडे के द्वारा किय गए सर्वे़क्षण के अनुसार पर्रिकर के कार्यकाल में गोवा लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश रहा है. कार्यशील और सिद्धांतवादी पर्रिकर को गोवा में मिस्टर क्लीन के नाम से जाना जाता है.
- बीजेपी को गोवा की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है. बता दें कि मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय प्रचारक थे.
गौरतलब है कि पर्रिकर सितंबर में अमेरिका से इलाज करवाकर भारत लौटे थे. अमेरिका में एक हफ्ते उनका इलाज चला था. इससे पहले एक बार और इलाज के लिए तीन महीने तक अमेरिका में रहे थे. अमेरिका से लौटने के बाद पिछले साल अक्टूबर के महीने में एक बार फिर उनकी तबीयत खराब हुई जिसके कारण उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. एक महीने एम्स में भर्ती रहने के बाद उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए गोवा ले जाया गया था. गोवा में उन्हें आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा था.
Source : News Nation Bureau