छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ जवानों की हत्या के बाद इस घटना को को प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के प्रवक्ता विकल्प ने सही ठहराया है। विकल्प ने कहा है कि उनकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि वह सरकारी मशीनरी का हिस्सा हैं और उनकी क्रांति के रास्ते में बाधा बन रहे थे।
माओवादियों ने कहा कि सुकमा हमला 2016 के एनकाउंटर के हमले का बदला था।
प्रवक्ता ने पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के कमांडर्स, पार्टी काडर और इस हमले में मदद करने वालों की तारीफ भी की। गुरुवार को जारी 16 मिनट 42 सेकेंड के इस ऑडियो क्लिप में विकल्प ने कहा कि उनकी सीआरपीएफ से कोई दुश्मनी नहीं है।
माना जा रहा है कि यह क्लिप माओवादियों के राजनीतिक संगठन सीपाआई (माओवादी) की दंडकारणय स्पेशल जोनल कमिटी ने जारी किया है। ऑडियो में कहा गया है कि उन्होंने सरकार, उसकी 'फासीवादी ताकतों' और ऑपरेशन ग्रीन हंट का जवाब देने के लिए जवानों पर हमला किया है।
विकल्प ने दावा किया की साल 2016 में सरकार ने उनके काडर के खिलाफ बर्बर हमले किए थे। इसमें हमारे नौ लोगों, गांव वालों और ओडिशा में 21 लोगों को मारा डाला था।
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विकल्प ने कहा है कि सीआरपीएफ पर किया गया हमला इन हत्याओं और आदिवासी महिलाओं के साथ की गई यौन हिंसा के बदले के तौर पर देखा जाना चाहिए।
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Source : News Nation Bureau