Advertisment

शहीदों के परिजनों ने बालाकोट में आतंकवादियों के मारे जाने के सबूत मांगे

उत्तर प्रदेश के शामली और मैनपुरी के दोनों परिवारों ने सरकार से कहा है कि हमले में मारे गए आतंकवादियों के शवों को सबूत के रूप में दिखाए और हमले के प्रभाव की पुष्टि करे.

author-image
saketanand gyan
एडिट
New Update
शहीदों के परिजनों ने बालाकोट में आतंकवादियों के मारे जाने के सबूत मांगे

पुलवामा आतंकी हमले की तस्वीर (फाइल फोटो)

Advertisment

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के दो परिवारों ने पिछले महीने पाकिस्तान के बालाकोट में हवाई हमले में आतंकवादियों के मारे जाने के सरकार के दावे पर सवाल खड़े किए हैं. भारतीय वायुसेना द्वारा 26 फरवरी को किए गए हवाई हमले में मारे गए आतंकियों की संख्या को लेकर राजनीतिक दलों द्वारा खड़े किए गए सवालों का जिक्र करते हुए उत्तर प्रदेश के शामली और मैनपुरी के दोनों परिवारों ने सरकार से कहा है कि हमले में मारे गए आतंकवादियों के शवों को सबूत के रूप में दिखाए और हमले के प्रभाव की पुष्टि करे.

शामली के प्रदीप कुमार और मैनपुरी के राम वकील सीआरपीएफ के उन 40 जवानों में शामिल थे, जो पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह, जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को किए गए आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे.

वकील की विधवा गीता देवी ने कहा, 'हम दुखी हैं और अपने परिवार के सदस्य की जिंदगी का बदला चाहते हैं.' गीता देवी ने कहा कि भले ही पाकिस्तान बालाकोट हवाई हमले में मारे गए लोगों की संख्या स्वीकारने को तैयार नहीं है, सरकार को बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत सार्वजनिक करने चाहिए.

देवी ने कहा, 'पुलवामा हमले के बाद हमने सबूत के तौर पर अपने जवानों के शव पाए, लेकिन पाकिस्तान में किए गए हवाई हमले के इस तरह के कोई सबूत नहीं हैं.' गीता के समर्थन में वकील की बहन राम रक्षा ने कहा कि लोगों को पता चलना चाहिए कि वाकई में क्या हुआ.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह सहित कई भारतीय जनता पार्टी नेताओं के दावों को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा, 'कोई कैसे मान ले कि हमला हुआ और आतंकवादी मारे गए? हमें सबूत दिखाइए, तभी हमें शांति मिलेगी और पता चलेगा कि मेरे भाई के खून का बदला लिया गया है.'

और पढ़ें : राफेल डील में पीएम मोदी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए काफी सबूत : राहुल गांधी

उल्लेखनीय है कि शाह ने लगभग 250 आतंकवादियों को मारे जाने का दावा किया था. इस बीच वकील के भाई राम नरेश ने कहा, 'यदि सरकार दावा कर रही है कि उन्होंने 300 आतंकवादियों को मार गिराए, तो उन्हें कुछ सबूत भी देने चाहिए.'

शामली में प्रदीप कुमार की 80 वर्षीय मां भी इसी तरह बात कहती हैं. सुलेलता ने कहा, 'हम संतुष्ट नहीं हैं. इतने बेटे मारे गए. दूसरी तरफ कोई शव नहीं है. वास्तव में वहां के बारे में कोई पुष्ट खबर नहीं है. हम इसे टीवी पर देखना चाहते हैं. और हम अपने घरों में बताना चाहते हैं. हम आतंवादियों के शव देखना चाहते हैं.'

पुलवामा आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में वायुसेना के विमानों ने 26 फरवरी की सुबह जैश के प्रशिक्षण शिविरों पर हमले किए थे.

और पढ़ें : जवानों के खून पर बीजेपी नहीं जीत सकती चुनाव, पुलवामा हमले पर केंद्र कर रही है राजनीति : ममता बनर्जी

हमले के चंद घंटे बाद विदेश सचिव विजय के. गोखले ने पुष्टि की थी कि भारत ने बालाकोट में जैश के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर हमला किया और बड़ी संख्या में आतंकवादी, प्रशिक्षक, वरिष्ठ कमांडर और जेहादी मारे गए, जो वहां फिदायीन गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण ले रहे थे.

सरकार ने वायुसेना के हमले में मारे गए आतंकवादियों की कोई सही संख्या नहीं बताई, लेकिन विभिन्न मंत्रियों ने अलग-अलग संख्या बताई. वायुसेना ने कहा कि उसका काम लक्ष्य को निशाना बनाना है, शव गिनना नहीं.

Source : IANS

BJP Uttar Pradesh Indian Air Force pakistan उत्तर प्रदेश Pulwama Attack Terrorists शहीद CRPF jawans पुलवामा Balakot Air strike बालाकोट एयरस्ट्राइक Martyrs family
Advertisment
Advertisment
Advertisment