गृहमंत्रालय ने मंगलवार को ओलंपिक विजेता और राज्यसभा सांसद मैरी कॉम द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट और 21 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के विदेशी फंड की कथित तौर जांच कराई। दरअसल, मैरी कॉम द्वारा चलाए जा रहे ट्रस्ट और देश की 21 गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर विदेशी फंड के नियमों का उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।
गृह मंत्रालय ने मैरी कॉम के बॉक्सिंग फॉउडेंशन समेत राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित एक एनजीओ और भारत की आईटी उद्योग की शीर्ष संस्था नास्कॉम की जांच कराने के आदेश दिए थे कि क्या इन्होंन कथित तौर पर विदेशी फंड के नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने लोक सभा में कहा था कि 21 एनजीओ को मानक प्रश्नावली प्रदान की गई थी जिसमें मैरी कॉम रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन समेत राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (दिल्ली), एशियानेट न्यू चैरिटेबल ट्रस्ट (केरल), एम्नेस्टी इंटरनेशनल (इंडिया) फाउंडेशन शामिल थे।
रिजिजू ने लोकसभा में कहा कि शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन (दिल्ली), नास्कॉम (दिल्ली) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया समेत 21 एनजीओ के मामले की जांच पूरी हो चुकी है।
रिजिजू ने कहा कि एनजीओ को फॉरेन फंडिंग प्राप्त हुआ था और यह जांच फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन एक्ट के तहत शुरू की गई थी।
मैरी कॉम रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन 2006 में एक चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया था। यह 2012 की लंदन ओलंपिक कांस्य पदक विजेता, पद्म भूषण पुरस्कार से एक अग्रणी पहल थी और मैरी कॉम और उनके पति के ओनलर को नामित किया गया था जिसमें मणिपुर में वंचित युवाओं और पूर्वोत्तर भारत में बॉक्सिंग को बढ़ावा देने का लक्ष्य था।
राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) की स्थापना 2002 में देश के वंचितों के विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी, खासकर ग्रामीण गरीबों के लिए। यह उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए सबसे बड़ा सामाजिक कार्यक्रम है।
और पढ़ेंः जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सुरक्षाकर्मियों ने आतंकियों को घेरा, भारी गोलीबारी जारी
Source : News Nation Bureau