जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश के बाद अलगाववादी नेता मसरत आलम को तत्काल रिहा कर दिया गया है। राज्य में लोक सुरक्षा के लिए खतरा होने और संकट पैदा करने के आरोपों में आलम छह साल से जेल में बंद थे।
2010 में कश्मीर घाटी में उत्पात के बाद आलम को जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद से उसे जम्मू के पास कठुआ जेल में रखा गया था। 2010 की अशांति में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
मसरत आलम गिलानी के करीबी माने जाते हैं। 2010 में गिरफ्तारी से पहले उन पर दस लाख रुपये का इनाम भी रखा गया था।
Source : News Nation Bureau