एनआईए कोर्ट ने मंगलवार को मसरत आलम के साथ शब्बीर शाह और आसिया अंद्राबी की गिरफ्तारी को हरी झंडी दे दी. एनआईए (NIA) ने कोर्ट के सामने कहा था कि कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी के मामलों में तीनों से पूछताछ जरूरी है. इसके बाद कोर्ट ने पत्थरबाजी के मामले में तीनों की गिरफ्तारी की इजाजत दे दी. एनआईए ने तीनों की 10 दिन की कस्टडी की मांग की है.
अभी एनआईए की कस्टडी की मांग को लेकर कोर्ट में जिरह चल रही है. इससे पहले कोर्ट की इजाजत के बाद एनआईए की टीम ने कोर्ट रूम में ही पत्थरबाजी की घटनाओं में उनकी भूमिका को लेकर तीनों से अलग-अलग पूछताछ की है. बता दें कि इससे पहले शब्बीर शाह और अंद्राबी अलग-अलग मामलों में (शाहमनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी ग्रुपों को धन पहुंचाने और आसिया अंद्राबी पाकिस्तान की शह पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में) जेल में बंद थे.
आज जिस टेरर फंडिंग मामले में एनआईए कोर्ट ने मसरत आलम के साथ इन दोनों की गिरफ्तारी की इजाजत दी है, ये दो साल पहले दर्ज किया था. पिछले साल जनवरी में एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की, जिसमें हाफिज सईद, सैय्यद सलाहुद्दीन और दस बाकी कश्मीरी अलगाववादियों को आरोपी बनाया गया था. एनआईए का कहना था कि जम्मू कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली के 60 से ज्यादा जगहों पर रेड करके करीब 600 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और 950 से ज्यादा दस्तावेज बरामद किए थे.
एनआईए का कहना था कि आरोपी हुर्रियत नेता, आतंकवादी और पत्थरबाज मिलकर आतंकी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और एक सोची समझी साजिश के तहत जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाई जा रही है. एनआईए के मुताबिक, पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों और एजेंसियों के जरिए जम्मू कश्मीर में मौजूद अलगाववादी तत्वो को फंडिंग हो रही है. एनआईए का कहना कि घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं के पीछे की फंडिंग के बारे में तहकीकात के लिए एक साथ तीनों से पूछताछ करना जरूरी है. लिहाज रिमांड जरूरी है.
Source : Arvind Singh