राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)पुलवामा आतंकी हमले में के मामले में चार्जशीट दायर कर दी है. NIA पुलवामा हमले के आरोपियों के खिलाफ लगभग 13500 पन्नों की चार्जशीट दायर की है. इस चार्जशीट में एनआईए ने जैश-ए मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर सहित 13 लोगों को आरोपी बनाया है. आपको बता दें कि 14 फरवरी साल 2019 को हुए इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. आतंकियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ के जवानों को ले जा रहे के काफिले पर हमला बोला था. विस्फोटक से भरी कार सीआरपीएफ के काफिले से टकरा गई थी.
पुलवामा आतंकी हमले में प्रमुख आरोपी आदिल अहमद डाल नाम के आत्मघाती आतंकी ने अंजाम दिया था. इस हमले में वह भी मारा गया था. एनआईए ने इसकी मदद करने वाले लोगों को आरोपी बनाया है. आरोपियों में पाकिस्तान में बैठे इनके आका भी शामिल हैं. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में जैश-ए मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को एनआईए ने अपनी चार्जशीट में सबसे पहला आरोपी बनाया है. मसूद के साथ ही उसके भाई अब्दुल राउफ और मौलाना अम्मार को भी आरोपी बनाया गया है.
साल 2001 में संसद भवन पर हमला
जिसके बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद संगठन बनाया. साल 2001 में जैश ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर नई दिल्ली में संसद पर हमला किया. जिसमें संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे. एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था.
2002 में गुजरात के अक्षरधाम मंदिर पर हमला
24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों ने मिलकर गुजरात के गांधी नगर में अक्षरधाम मंदिर में हमला किया था. 24 सितंबर 2002 को कुछ आतंकी अक्षरधाम मंदिर में घुस गए थे. आतंकियों ने आटोमेटिक वेपंस और हैंड ग्रेनेड के इस्तेमाल के साथ ही एक फिदायीन हमला भी किया था. इस हमले में कुल 32 लोग मारे गए थे जबकि 79 लोग घायल हुए थे. जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त मंदिर में करीब 600 लोग मौजूद थे. इस आतंकी हमले में 3 कमांडो और स्टेट रिजर्व पुलिस (एसआरपी) का एक कॉन्स्टेबल भी शहीद हुआ था.
2005 में दिल्ली में सीरियल ब्लास्ट
29 अक्टूबर 2005 दिल्ली सीरियल ब्लास्ट हुआ था. जिसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश का हाथ बताया गया. दिल्ली के तीन जगह पर पहाड़गंज मार्केट, सरोजिनी नगर मार्किट और गोविंदपुरी में बम ब्लास्ट में 62 लोग मारे गए और करीब 210 घायल हुए थे. इस हमेल में दो आरोपियों मोहम्मद रफीक शाह और मोहम्मद हुसैन फाजिली कोर्ट ने बरी कर दिया था जबकि तारिक अहमद डार को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई गई थी हालांकि कोर्ट ने तारिक के मामले में कोर्ट ने ये भी कहा कि वो 11 साल जेल में बिता चुका है इसलिए उसे भी बरी कर दिया गया.
2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमला
2 जनवरी 2016 में पठानकोट में जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हमला किया. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे. घुसपैठिए 2 जनवरी को हुए इस शुरुआती मुठभेड़ में 4 हमलावर व 3 सुरक्षाकर्मी मारे गये. बाद में पूरे दिन गोलियां चलती रहीं जो कि हमलावरों की मौजूदगी होने का दावा कर रहीं थीं. 3 जनवरी 2016 की सुबह गोलियां चलने की आवाजें सुनी गईं, जिससे और अधिक हमलावरों के होने की आशंका बढ़ गई. बाहरी सैन्य मदद पहुंचने के बाद सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ तलाशी अभियान 4 जनवरी को भी जारी रखा था. पांचवें दिन आखिरी आतंकी को भी जवानों ने मार गिराया.
2019 में पुलवामा हमला
14 फरवरी साल 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया. आतंकियों ने सीआरपीएफ के उस बड़े काफिले को निशाना बनाया जिसमें 70 से ज्यादा गाड़ियां जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रही थी. आतंकियों के किए आईईडी ब्लास्ट से बस के परखच्चे उड़ गए और शहीद जवानों के अंग सड़कों पर बिखर गए थे. पहले तो आतंकियों ने हाईवे पर विस्फोटक से भरी कार से सीआरपीएफ काफिले की बस को टक्कर मार दी थी और फिर घात लगाकर पूरे काफिले पर अंधाधुंध फायरिंग की. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
Source : News Nation Bureau