सेमीकंडक्टर चिप (Semiconductor Chip) की भारी कमी का सामना अभी तक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और वाहन बनाने वाली कंपनियों को करना पड़ रहा था. वहीं अब इसकी भारी कमी का असर जिंदगी बचाने वाली मशीनों पर भी पड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेमीकंडक्टर चिप की भारी कमी का असर अब क्रिटिकल लाइफ सेविंग डिवाइसेज (Critical Life Saving Devices) और मेडटेक इंडस्ट्री (Medtech Industry) पर भी पड़ रहा है. वैश्विक स्तर पर चिप की कमी को लेकर बढ़ती अनिश्चितता और सप्लाई प्रभावित होने की वजह से कुछ उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी की है. इसके अलावा कुछ उपकरण स्टॉक में नहीं है.
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चिप की कमी की वजह से चिप-संचालित क्रिटिकल केयर और आईसीयू उपकरणों वेंटिलेटर, डिफाइब्रिलेटर, इमेजिंग मशीन, ग्लूकोज, ईसीजी, ब्लड प्रेशर मॉनिटर और इम्प्लांटेबल पेसमेकर के लिए खतरा बढ़ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडटेक कंपनियों का कहना है कि इस साल के अंत तक चिप की कमी की वजह से स्टॉक पर खराब असर पड़ सकता है और कीमतों में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है. बता दें कि अभी तक ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक में ही चिप की कमी का असर देखने को मिला है. वहीं दूसरी ओर चिप के निर्माण में लगने वाला समय 4-8 हफ्ते से बढ़कर 30-40 हफ्ते हो चुका है. कुछ मामलों में चिप उत्पादन का समय बढ़कर 100 हफ्ते तक भी हो गया है, जिसकी वजह से कंपनियों की डिलीवरी प्रभावित हुई है.
एनेस्थीसिया मशीन (Anaesthesia Machines), पेशेंट मॉनिटर और आईसीयू वेंटिलेटर (ICU Ventilators) की बिक्री करने वाली कंपनी बीपीएल मेडिकल टेक्नोलॉजीज मुख्य कार्यकारी अधिकारी और एमडी सुनील खुराना का कहना है कि मौजूदा समय में हम डिमांड का प्रबंधन करने और उपकरणों की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में सक्षम हैं. हालांकि अनिश्चितता बढ़ रही है और साल के अंत तक चिप की भारी कमी हमें प्रभावित कर सकती है जब माइक्रोप्रोसेसर चिप्स के मौजूदा स्टॉक समाप्त हो सकते हैं.
HIGHLIGHTS
- इस साल के अंत तक चिप की कमी की वजह से स्टॉक पर खराब असर पड़ सकता है
- चिप की कमी और सप्लाई प्रभावित होने की वजह से कुछ उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी