श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में सिविल कोर्ट के याचिका स्वीकार नहीं किये जाने के आदेश के खिलाफ याचिकाकर्ताओं ने मथुरा की अदालत में याचिका दायर की हैं.
जिला जज आज दोपहर 2 बजे सुनवाई करेंगे. इससे पहले सिविल कोर्ट के जज ने भगवान की तरफ से एक वकील के याचिका करने को मंजूरी नहीं देते हुए सुनवाई करने से इंकार कर दिया था. जज ने अपने फैसले में कहा था कि विश्व में भगवान कृष्ण के असंख्य भक्त हैं. हर श्रद्धालु याचिका करने लगे तो न्याय व्यवस्था चरमरा जाएगी.
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दरअसल, उत्तर प्रदेश के मथुरा की कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि के पास मस्जिद को हटाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 का हवाला देते हुए याचिका को विचार करने के लिए अयोग्य बताया है. बता दें कि लखनऊ निवासी अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री और 5 अन्य ने भगवान श्रीकृष्ण का परमभक्त बताते हुए उनकी ओर से सिविल जज (सीनियर डिवीजन) छाया शर्मा की अदालत में वाद दायर किया था.
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याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने मंदिर के परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद की प्रबंध समिति के साथ जो समझौता किया था, वह कानूनी रूप से गै़रवाजिब है क्योंकि, सेवा संस्थान जब उक्त 13.37 एकड़ भूमि का मालिक ही नहीं था तो उसे किसी व्यक्ति अथवा संस्था के साथ इस प्रकार कोई भी करार करने का अधिकार नहीं था. यह समझौता अदालत द्वारा 20 जुलाई 1973 को डिक्री किया गया था. वादियों ने याचिका में इस करार को निरस्त करते हुए शाही ईदगाह वाली भूमि को मुक्त कराने और इसे विराजमान श्रीकृष्ण को सौंपने का आदेश देने का अनुरोध किया गया था.
Source : News Nation Bureau