मौलाना कलीम सिद्दीकी के फॉरेन फंडिंग और संपत्तियों की जांच ईडी करेगी. मौलाना कलीम सिद्दीकी जामिया इमाम वलीउल्ला ट्रस्ट के नाम से एक संस्था चलाता है. ये ट्रस्ट कई मदरसों को फंड करता है. इसके लिए ट्रस्ट को काफी ज्यादा पैसा विदेश से मिलता था. जांच से पता चला है कि मौलाना के ट्रस्ट को फॉरेन फंडिंग से 3 करोड़ रुपये मिले हैं. इसमें से डेढ़ करोड़ बहरीन से आया है. दरअसल, धर्मांतरण मामले में UP ATS की जांच शुरू हुई तो पता चला कि उमर गौतम और उनके साथियों ने जिन लोगों का IDC संस्था के जरिए धर्मांतरण कराया था, इसके लिए इस्लामिक दावा सेंटर को कतर, ओमान जैसे देशों से फंडिंग आ रही थी.
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उमर गौतम के खाते में किसी विदेशी स्रोत से डेढ़ करोड़ रुपये आए थे. वो इन पैसों को मुंबई की अजमल फाउंडेशन और ऐसी कई संस्थाओं को ट्रांसफर करते थे. इस मामले में बाद में ED ने जांच शुरू की तो नाम आया मौलाना कलीम सिद्दीकी का उमर गौतम ने पूछताछ में बताया कि मौलाना कलीम 5 लाख से ज्यादा लोगों का धर्म परिवर्तन करा चुके हैं. ED को जांच में मौलाना कलीम की फंडिंग के बारे में पता चला कि खातों में 20 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन की जानकारी मिलने के बाद मौलाना कलीम पर नजर रखी गई और उनकी संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई गई जो चौकाने वाली है.
धर्मांतरण प्रकरण से जुड़े मामले से जुड़े मौलाना कलीम सिद्दीकी ने महज दो दशक में अकूत संपत्ति कमा ली. ED मौलाना की संपत्ति और उनके खातों के साथ संस्था के खातों से हुए करोड़ों के लेनदेन पर नजर रख रही है. 2 दशक में मौलाना कलीम की कृषि भूमि भी पांच गुणा होकर ढाई सौ बीघा तक जा पहुंची है, जबकि मकानों की संख्या भी 12 से अधिक हो गई. जांच में पता चला कि मुजफ्फरनगर में गांव फुलत में मौलाना कलीम सिद्दीकी के पिता मोहम्मद अमीर सिद्दीकी के पास करीब 225 बीघा कृषि भूमि थी. ये मौलाना कलीम सिद्दीकी व उनके तीन सगे भाइयों के पास बराबर-बराबर बंट गई थी.
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गांव में मदरसा बनाने के बाद वर्ष 2000 तक मौलाना कलीम सिद्दीकी का सामान्य जीवन रहा, लेकिन इसके बाद अचानक उनकी संपत्तियों में बेहिसाब इजाफा होने लगा. 2005 आते-आते मौलाना की संपत्ति कई गुणा बढ़ गई. जमीन करीब 55 बीघा से बढ़कर 250 बीघा से भी अधिक जा पहुंची. गांव फुलत में एक दर्जन से ज्यादा मकान, खतौली में एक मकान और दिल्ली के शाहीनबाग में भी कई संपत्ति होने की जानकारी एजेंसी को है. फुलत में मौलाना सिद्दीकी के मकानों में मदरसे में पढ़ाने वाले शिक्षक ही अपने परिवार के साथ रहते हैं, जो मौलाना की गिरफ्तारी के बाद इन मकानों को बंद कर भूमिगत हो गए हैं.
Source : News Nation Bureau