दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने मोलाना साद (Maulana Saad) का डोजियर तैयार किया है. सूत्रों के अनुसार, डोजियर में बताया गया है कि विदेशी फंडिंग (Foreign Funding) और मरकज़ की कमाई से मोलाना साद ने 2000 करोड़ की संपत्ति बनाई है. डोसियर में मोलाना साद की हर मूवमेंट और मरकज़ की हर हलचल के अलावा बैंक खातों का भी ज़िक्र है. मोलाना साद की विदेशी फंडिंग के खातों को मोलाना के तीन बेटे मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद सईद, मोहम्मद इलियास और एक भांजा उवैस संभालते हैं.
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मोहम्मद यूसुफ का काम बैंक में आने वाले पैसे का हिसाब रखना है तो मोहम्मद सईद पैसा कहां ट्रांसफर करना है और लेनदेन में गड़बड़ी न हो, इसका ध्यान रखना है. मोहम्मद इलियास का काम विदेशो फंडिंग पर नज़र रखना है. मौलाना साद ने इस काम में अपने भांजे उवैस को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है. उसका काम मरकज़ में आने वाले विदेशी जमातियों पर नज़र रखने और विदेशियो से फंडिंग की बात करना है.
इन चारों के बारे में कहा जा रहा है कि ये चारों मोलाना के सबसे करीबी हैं और विदेशी फंडिंग की पूरी जानकारी रखते हैं. ये लोग मौलाना साद को सीधे रिपोर्ट करते थे. मरकज़ में मोलाना साद के 2 और करीबी बताए जा रहे हैं. एक दिल्ली के मुस्तफाबाद निवासी हाजी मोहमदद यूनुस, मरकज़ में होने वाली हर हरकत पर नज़र रखता था और हर चीज़ की रिपोर्ट सीधे मोलाना साद को देता था.
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दूसरा, मुफ़्ती शहज़ाद दिल्ली के ज़ाकिर नगर का रहने वाला है और मरकज़ के प्रशासन से जुड़े लोगों पर नज़र रखता था और मोलाना साद को सीधे जानकारी देता था.
डोजियर में बताया गया है कि मोलाना साद सुबह 8 बजे मरकज़ आ जाता था और दोपहर 2 बजे घर जाता था. शाम 4 से रात 10 बजे तक वह मरकज में ही रहता था. मौलाना साद अपनी अलग दुनिया चलाया करता था और हर जगह अपना एक खबरी बैठाकर पूरे मरकज़ पर कंट्रोल कर रखा था.
Source : Rummanullah