नीति आयोग (Niti Ayog) ने यात्री ट्रेनों के परिचानल में निजी कंपनियों की भारीदारी का मसौदा तैयार किया है. इसके मुताबिक निजी कंपनियों के द्वारा संचालित ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटा होगी. किसी मार्ग पर निजी ट्रेनें चलने के 15 मिनट बाद ही दूसरी ट्रेन को हरी झंडी दी जाएगी. आयोग की वेबसाइट पर कई मसौदे रखे गए हैं. ताकि इस संबंध में सार्वजनिक सुझाव आ सके.
इन मसौदों में परियोजना की मुख्य विशेषताओं की जानकारी, पात्रता के लिए अनुरोध पत्र, छूट संबंधी समझौते के मार्गदर्शक सिद्धांत, परियोजना सूचना ज्ञापन के लिए मसौदा दस्तावेज शामिल है. वेबसाइट पर निजी परिचालकों को सौ मार्ग पर 150 ट्रेनों के परिचालन को अनुमति दी गई है. आयोग ने अनुमान लगाया है कि इसके जरिए 22500 करोड़ रुपये का निजी निवेश हो सकता है.
नीति आयोग के द्वारा तैयार मसौदे के मुताबिक निजी ट्रेन जिस भी मार्ग पर चलेगी वह उस मार्ग पर चलने वाली सबसे तेज गति की ट्रेन से दस फीसदी कम या ज्यादा समय ले सकती है. इसमें कहा गया है कि भारतीय रेलवे निजी ऑपरेटरों के साथ कोई भी भेदभाव नहीं करेगा. प्राइवेट ट्रेन के खुलने के तयशुदा समय के 15 मिनट के भीतर कोई भी ट्रेन उस मूल गंतव्य के लिए नहीं चलेगी. मसौदे के मुताबिक यात्री ट्रेनों का संचालन और रखरखाव अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन की ओर से तय मानक के अनुरूप होगा.
Source : News Nation Bureau