बीएसपी प्रमुख मायावती ने राज्यसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर ख़रीद फरोख़्त का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी साज़िश के तहत एस-बीएसपी के गठबंधन को दरार पैदा कर खत्म करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन बरकरार रहेगा और आम चुनावों में उसे हराएंगे।
मायावती ने कहा कि एसपी-बीएसपी एक रणनीति के तहत गोरखपुर और फूलपुर उप-चुनाव में साथ आये थे। जिसके बाद जो परिणाम सामने आया उससे सत्ताधारी पार्टी को दिन में तारे दिखने लगे।
इस अप्रत्याशित जीत मिलने के बाद बीजेपी ने एसपी-बीएसपी के बीच दरार डालने की कोशिश की।
बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव में जानबूझकर 10वां उम्मीदवार उतारा और सरकारी मिशनरी का दुरुपयोग किया। बीजेपी ने चुनाव में धन्नासेठ को उतारा और विधायकों को क्रॉस-वोटिंग करने के लिए डराया धमाका।
उन्होंने कहा कि एसपी-बीएसपी की नजदीकी से 'बीजेपी एंड कंपनी' डर गई है और इस गठबंधन को रोकने की साजिश कर रहे हैं। लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहती हूं कि 2019 में हमलोग मोदी को हराने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे।
उन्होंने साफ किया, 'बीएसपी और एसपी का गठबंधन नहीं टूटेगा। बीजेपी अगर खुश हो रही है कि मायावती एसपी से गठबंधन तोड़ लेंगी तो ये उनकी खुशफहमी है... बीजेपी और आरएसएस की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।'
बीएसपी सुप्रीमो ने आरोप लगाते हुए कहा, 'बीजेपी ने धन-बल का प्रयोग किया और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर हमारे उम्मीदवार को हराने की कोशिश की है।'
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उन्होंने कहा, 'एसपी से तालमेल नहीं टूटेगा और तालमेल को तोड़ने में अनर्गल बाते कर रहे हैं जो उनकी जातिवादी मानसिकता और विद्वेषपूर्ण मानसिकता को दर्शाता है।'
राज्यसभा चुनाव पर उन्होंने कहा, 'बीजेपी की अपेक्षा बीएसपी-एसपी को ज्यादा वोट मिले... उसके समर्थक विधायक का भी वोट हमें मिला है।'
अखिलेश पर मायावती ने शिकायती लहजे में कहा कि हालांकि एसपी ने गठबंधन को बरकरार रखने की कोशिश की लेकिन थोड़ी और कोशिश की जा सकती थी।
उन्होंने कहा, 'अखिलेश को कोशिश कर बीएसपी के उम्मीदवार को जिताना चाहिये था... उन्हें और कोशिश करनी चाहिये थी।'
आगे उन्होंने कहा कि अखिलेश अभी सीख रहे हैं और वो कुछ दिनों में ही बीजेपी के चालों को समझ कर उसका जवाब देना सीख लेंगे।
बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक जिसने बीजेपी को वोट दिया था उसे पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
मायावती ने गेस्ट हाउस कांड को लेकर बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा करतूत है। बीजेपी हर समय 1995 के गेस्ट हाउस कांड की याद दिलाते हैं। लेकिन उस घटना में शामिल पुलिस को बड़ा ओहदा दिया गया।
उन्होंने कहा कि उसके लिए किसी भी सूरत में अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराना गलत है क्योंकि उस समय अखिलेश यादव राजनीति में नहीं थे।
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Source : News Nation Bureau