2015 विधानसभा चुनाव में मात्र 3 सीटों पर सिमटी बीजेपी के लिए दिल्ली नगर निगम पर कब्जा जमाना, आम आदमी पार्टी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
निगम चुनाव में 'आप' ने 270 सीटों में से मात्र 48 पर जीत दर्ज की है। जो 2015 विधानसभा चुनाव के मुकाबले काफी कम है। विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी के उदय के बाद से कांग्रेस लगातार पतन की ओर है।
नगर निगम चुनाव में पिछले 10 सालों से विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस इस बार के चुनाव में मुख्य विपक्ष के रूप में बैठने के लायक भी सीट नहीं जीत सकी। कांग्रेस ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की है।
हालांकि कांग्रेस के लिए यह अच्छी खबर है कि दिल्ली में वोटिंग प्रतिशत में पार्टी ने शानदार बढ़त हासिल की है। 2015 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 9.7 प्रतिशत वोट हासिल की थी और एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। जबकि निगम चुनाव में कांग्रेस ने 21.11 प्रतिशत वोट मिले हैं।
पार्टी | 2017 MCD चुनाव में वोट शेयर | 2015 विधानसभ चुनाव में वोट शेयर | 2017 में कुल सीटें | 2012 MCD चुनाव में कुल सीटें |
बीजेपी | 36.18% | 32.3% | 181 | 138 |
कांग्रेस |
21.11% |
9.7% | 30 | 77 |
AAP | 26.23% | 54.3% | 48 | चुनाव नहीं लड़ी |
अन्य | 11 | 57 |
नगर निगम चुनाव से ठीक पहले राजौरी गार्डन विधानसभा उप-चुनाव का परिणाम भी कांग्रेस के लिए सुखद रहा। बीजेपी की जीत और अपनी हार के बावजूद कांग्रेस खुश थी। दरअसल कांग्रेस इस सीट पर पर दूसरे स्थान पर रही और आम आदमी पार्टी जमानत भी नहीं बचा सकी।
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राजौरी गार्डन सीट पर बीजेपी को 51.99 प्रतिशत मत मिले जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 33.23 प्रतिशत वोट मिले और आप के प्रत्याशी हरजीत सिंह को 13.11 प्रतिशत मत पड़े थे।
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कांग्रेस और बीजेपी दोनों चाहती है कि दिल्ली के चुनावों में लड़ाई उन दोनों के बीच ही बनी रहे। निगम चुनाव में हार के बाद दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके अजय माकन कई दफा कहते नजर आए की उनकी लड़ाई बीजेपी से है और आम आदमी पार्टी कहीं नहीं ठहर रही है। वहीं बीजेपी नेता भी कांग्रेस को ही अपना प्रतिद्वंदी मानना चाहती है।
हालांकि चुनाव परिणाम के नतीजे बताते हैं कि बीजेपी के सामने न तो आम आदमी पार्टी और न ही कांग्रेस ठहर रही है।
2014 लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस की देशभर में हालात पतली है। कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। पार्टी में फूट है। ऐसे में दिल्ली नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के वोटिंग शेयर में बढ़ोतरी होना उसे थोड़ी देर के लिए खुश कर सकता है।
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टीवी बहसों, इंटरव्यू में कई कांग्रेसी नेता विधासनभा चुनाव के वोटिंग शेयर 9 प्रतिशत से बढ़कर निगम चुनाव में 22 प्रतिशत तक जाने की दुहाई देते नजर आए। लेकिन चुनाव तो जिसकी ज्यादा सीट, उसकी जीत के सिद्धांत पर ही लड़ा जाता है। जिसमें कांग्रेस कहीं नहीं ठहरती। लेकिन सकारात्मक दृष्ट् से देखें तो कांग्रेस का वोट प्रतिशत बढ़ना पार्टी के लिये अच्छी खबर है।
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HIGHLIGHTS
- एमसीडी चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत, आप दूसरे स्थान पर, कांग्रेस की बड़ी हार
- कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव 2015 के मुकाबले वोटिंग शेयर में किया बड़ा इजाफा
- 2015 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले थे मात्र 9.7% वोट, एमसीडी में मिली 22.11% वोट
Source : Jeevan Prakash