पिछले कई सालों से आप ये सुनते आए हैं कि जब भी MCD से कर्मचारियों की तनख्वाह ना मिलने, स्कूल और पार्कों की खबर स्थिति पर पूछते थे तो वो फंड ना होने की बात करते थे. आज मैं एक सूचना देना चाहता हूं कि जो भाजपा फंड का रोना रोती है उनके मेयर ने अपनी सुख, सुविधाओं के लिए पिछले 5 साल में 270 करोड़ खर्च किए, यानि उनकी गाड़ी कौनसी होगी, सुख, सुविधा के साधन क्या होंगे.
मैं दिल्ली के सफाई कर्मचारियों से कहना चाहता हूं कि आपको तनख्वाह देने में तो इनकी हालत खराब हो जाती है लेकिन इनके मेयर अपनी सुख सुविधाओं पर 270 करोड़ खर्च करते हैं. शिक्षकों, डॉक्टरों, मालियों, लाइब्रेरियन और जिन लोगों को भी तनख्वाह नहीं मिल रही है.ये नैतिक भ्रष्टाचार है, एक लाल बहादुर शास्त्री जी थी जो घर में भी खेती कर देश को फायदा पहुंचाने की बात करते थे, और इन लोगों ने खुदपर खर्च किया, ये चाहते तो एक रुपया भी ना लेते, ये नैतिक पतन है. मैं वोटर्स से कहना चाहता हूं कि इस बार जब आप वोट डालने जाएं तो इसका बदला लेना है.
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MCD चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर
चुनाव एक फंडामेंटल राइट है, दिल्ली के लोग चुनाव ना होने से नाराज़ हैं, बारिश में पानी भर गया है, कूड़े का अंबार लगे हैं. दिल्ली की जनता चाहती है कि चुनाव हो और AAP की सरकार बने, लेकिन भाजपा ने चोर दरवाजे से चुनाव टाला, हम इसको लेकर कोर्ट गए हैं और जल्द चुनाव की मांग कर रहे हैं.दिल्ली प्रदेश एमसीडी उद्यान विभाग कर्मचारी यूनियन के महामंत्री अरुण शर्मा ने हाल ही में बताया था कि पिछले 6 महीनों से उद्यान विभाग में कार्यरत चौधरी की तनख्वाह नहीं मिल रही है. साथ ही मात्र 14,15 हजार रुपये में MTSपर काम कर रहे हैं. मालियों को भी पिछले 5 महीने से तनख्वाह नहीं दी गई है और हद तो तब हो गई जब अधिकारियों द्वारा सैंक्शन न दिए जाने के चलते अब तक 11 लोगों की तनख्वाह रोकी गई है.
HIGHLIGHTS
- कर्मचारियों की तनख्वाह ना मिलने पर हालात बिगड़ गए हैं.
- ये नैतिक भ्रष्टाचार है, एक लाल बहादुर शास्त्री जी थी जो घर में भी खेती कर देश को फायदा पहुंचाने की बात करते थे.
- चुनाव एक फंडामेंटल राइट है, दिल्ली के लोग चुनाव ना होने से नाराज़ हैं.