देश में यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ की घटनाओं के खिलाफ चल रहे मीटू #MeToo अभियान ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर पर अब तक करीब 10 महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। मी टू अभियान में एम जे अकबर पर आरोपों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महिला विंग की अध्यक्ष लता केलकर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि महिला पत्रकार इतने 'मासूम' हैं कि जिनका कोई गलत इस्तेमाल कर सकें.
बीजेपी नेता लता केलकर ने कहा, 'जो आरोप लगा रही हैं वो पत्रकार हैं शायद जैसा मैंने पढ़ा है. और पत्रकार बहनों को मैं इनोसेंट महिला नहीं कहती कि जिसका कोई गलत इस्तेमाल कर ले. मैं मी टू अभियान का स्वागत करती हूं और मैं मानती हूं कि इस कैंपेन ने महिलाओं को साहस दिया है.'
हालांकि एम जे अकबर के इस्तीफे के सवाल पर उन्होंने जवाब देने से मना कर दिया. संभव है कि एमजे अकबर पर लगे यौन शोषण के आरोपों की चर्चा केंद्रीय कैबिनट में भी हुई और उन्हें इस्तीफा देने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है. एमजे अकबर पर यौन शोषण के ये आरोप संपादक रहते हुए लगाए गए हैं.
एम जे अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर पर आरोप लगाने के एक दिन बाद, उनकी पूर्व सहयोगी प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने भी उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके बाद कई महिलाओं ने उन पर इस तरीके का आरोप लगाए. एम जे अकबर अखबार 'द टेलीग्राफ' के संस्थापक संपादक रह चुके हैं।
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गौरतलब है कि भारत में सोशल मीडिया पर मी टू अभियान शुरू होने के बाद महिलाएं और छात्राएं अपने खिलाफ हुए यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और उससे जुड़ी अन्य घटनाओं पर खुल कर बोल रही है। इसके तहत अब कई ऐसे शख्सियत के नाम सामने आए जिनकी आम जनमानस में अच्छी 'छवि' मानी जाती है।
Source : News Nation Bureau